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Friday, December 5, 2025
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अमेरिका द्वारा बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी और उसका ‘मजीद ब्रिगेड’ आतंकी संगठन घोषित !

अमेरिका पाला भी बदलता है और स्वार्थ सिद्ध करने के लिए पीड़ितों को पीड़ा देने और उनके न्याय के रास्ते बंद करने से नहीं कतराता। 

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अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) और उसके उर्फ़ ‘मजीद ब्रिगेड’ को विदेशी आतंकवादी संगठन (FTO) घोषित कर दिया है। मजीद ब्रिगेड को BLA के एक उर्फ़ के रूप में उसकी पूर्व स्पेशली डिज़िग्नेटेड ग्लोबल टेररिस्ट (SDGT) सूची में भी शामिल किया गया है।

अमेरिकी विदेश मंत्रालय के अनुसार, यह कदम ट्रंप प्रशासन की आतंकवाद-रोधी प्रतिबद्धता के अनुसार लिया गया है। बयान में कहा गया, “आतंकवादी संगठनों को चिन्हित करना हमारे आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष में एक अहम हथियार है और इससे आतंकवादी गतिविधियों के समर्थन को रोकने में मदद मिलती है।”

BLA को पहली बार 2019 में SDGT घोषित किया गया था, जब इसने पाकिस्तान में कई आतंकी हमले किए थे। 2024 में मजीद ब्रिगेड ने कराची एयरपोर्ट और ग्वादर पोर्ट अथॉरिटी कॉम्प्लेक्स के पास हुए आत्मघाती हमलों की जिम्मेदारी ली, जबकि 2025 में मार्च महीने में BLA ने क्वेटा से पेशावर जा रही जाफ़र एक्सप्रेस ट्रेन के अपहरण को अंजाम दिया, जिसमें 31 पाकिस्तानी सेना के लोगों को मारा गया था और 300 से अधिक यात्रियों को बंधक बना लिया गया।

अमेरिका ने यह कार्रवाई इमिग्रेशन एंड नेशनलिटी एक्ट की धारा 219 और एग्ज़िक्यूटिव ऑर्डर 13224 (संशोधित) के तहत की है। FTO का दर्जा फेडरल रजिस्टर में प्रकाशित होते ही प्रभावी हो जाएगा। अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कहा कि इस तरह की नामांकन प्रक्रिया न केवल आतंकवादी नेटवर्क की वित्तीय और लॉजिस्टिक सप्लाई को काटती है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय सहयोग को भी मजबूत करती है।

बता दें की, पाकिस्तान ने बलोचिस्तान को 1948 से कब्ज़ा कर रखा है। इस इलाके में पाकिस्तानी आर्मी और ख़ुफ़िया एजेंसियां आम बलूच लोगों को निशाना बनाने के लिए कुख्यात है। इसी प्रकार पाकिस्तान लगातार बलूचिस्तान की जमीन से खनन कर संपत्ति जुटाता आया है, जबकि बलूच लोगों को प्राथमिक उपचार, प्राथमिक शिक्षा, रस्ते और बिजली जैसी सुविधाओं से भी वंचित रखा गया है। इसीलिए बहुसंख्य बलूच पाकिस्तान से स्वतंत्रता पाकर स्वायत्त राष्ट्र बनाना चाहते है, जबकि इनकी आवाजों को दबाने के लिए पाकिस्तानी सेना यहां के लोगों का अपहरण, बेलगाम गोलीबारी जैसे रास्ते अपनाती है।

अमेरिका के और से बलूच लिबरेशन आर्मी जैसे संगठनों को प्रतिबंधित करना और उनके कामों पर प्रतिबंध लगाने की मांग करना दिखाता है, की बदलते रिश्ते और पॉलिसीज़ के साथ अमेरिका पाला भी बदलता है और स्वार्थ सिद्ध करने के लिए पीड़ितों को पीड़ा देने और उनके न्याय के रास्ते बंद करने से नहीं कतराता।

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