अमेरिका में काम करने की तैयारी कर रहे भारतीय पेशेवरों के लिए वीज़ा संकट और गंभीर होता दिख रहा है। H-1B और H-4 वीज़ा इंटरव्यू का इंतज़ार कर रहे सैकड़ों भारतीय आवेदकों की नियुक्तियां अब अक्टूबर 2026 तक टाले जाने की सूचना है। इससे पहले इन इंटरव्यू को दिसंबर 2025 से फरवरी–मार्च 2026 तक पुनर्निर्धारित किया गया था। लगातार हो रही देरी के कारण कई आवेदक अपने परिवारों से अलग फंसे हुए हैं और उनकी नौकरियां अधर में लटक गई हैं।
डेक्कन क्रॉनिकल के अनुसार, कई आवेदकों ने बताया कि उनके इंटरव्यू की तारीखें अब अगले साल अक्टूबर तक खिसका दी गई हैं। वहीं, अमेरिका स्थित मीडिया आउटलेट द अमेरिकन बाज़ार ने रिपोर्ट किया है कि इमिग्रेशन वकीलों को भी ऐसे मामले मिले हैं, जहां जनवरी 2026 के मध्य के लिए तय अपॉइंटमेंट्स को सीधे अक्टूबर 2026 तक टाल दिया गया।
बताया जा रहा है कि जिन आवेदकों के स्लॉट पुनर्निर्धारित किए गए हैं, वे अब जनवरी और फरवरी 2026 में इंटरव्यू रखने वालों से अपनी बुकिंग रद्द करने का अनुरोध कर रहे हैं, ताकि उनके मामलों को पहले की तारीखों में समायोजित किया जा सके। हालांकि, इस तरह के प्रयासों की सफलता को लेकर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं है।
हाल के हफ्तों में अमेरिकी वाणिज्य दूतावासों ने बड़ी संख्या में आवेदकों को सूचित किया कि दिसंबर और जनवरी में निर्धारित इंटरव्यू अब फरवरी या मार्च में होंगे। अमेरिकी अधिकारियों के अनुसार, यह देरी वीज़ा आवेदकों की सोशल मीडिया गतिविधियों की विस्तारित जांच के कारण अतिरिक्त प्रोसेसिंग समय की जरूरत से जुड़ी है।
इस बीच, कई पेशेवर जो पहले से अमेरिका के बाहर हैं, लगातार रद्दीकरण और तारीखों में बदलाव के कारण मुश्किल में फंस गए हैं। कुछ ने पहले ही अंतरराष्ट्रीय यात्रा बुक कर ली थी, छुट्टियां स्वीकृत करा ली थीं या वीज़ा स्टैंपिंग के लिए भारत पहुंच गए थे, लेकिन बाद में उन्हें पता चला कि उनकी नियुक्तियां रद्द कर दी गई हैं। विदेश में फंसे आवेदकों के लिए स्थिति और भी गंभीर है, क्योंकि वे लंबे समय से अपने परिवारों से अलग हैं और अमेरिका लौटने के सीमित विकल्प हैं।
हैदराबाद स्थित अमेरिकी महावाणिज्य दूतावास के एक प्रवक्ता ने डेक्कन क्रॉनिकल के हवाले से कहा, “डिपार्टमेंट ऑफ स्टेट संसाधनों की उपलब्धता के अनुसार अपॉइंटमेंट्स में नियमित रूप से बदलाव करता है। प्रभावित वीज़ा आवेदकों को किसी भी परिवर्तन की जानकारी सीधे दी जाएगी।”
इमिग्रेशन अटॉर्नी संगीता मुगुंथन ने द अमेरिकन बाज़ार से कहा, “फिलहाल रद्दीकरण के खिलाफ सीधी कानूनी कार्रवाई कठिन है। बेहतर विकल्प यह हो सकता है कि प्रभावित आवेदक अपने नियोक्ताओं से रिमोट वर्क या अवकाश की अनुमति मांगें।” उन्होंने यह भी सलाह दी कि आवेदक संभावित नौकरी या वीज़ा संबंधी समस्याओं से बचने के लिए सभी दस्तावेज़ सुरक्षित रखें।
जैसे ही नई तारीखों की जानकारी फैली, भारतीय प्रवासी समूहों और ऑनलाइन फोरमों में चिंता और नाराज़गी बढ़ गई। इससे पहले F-1 छात्र वीज़ा में देरी और वर्क वीज़ा शुल्क बढ़ोतरी के प्रस्तावों ने भी भारतीय समुदाय को प्रभावित किया था। अब H-1B इंटरव्यू के 2026 के अंतिम महीनों तक खिसकने से कई भारतीय पेशेवरों का कहना है कि उनके करियर और पारिवारिक जीवन अनिश्चितता के दौर में फंस गए हैं, और स्थिति में जल्द सुधार के संकेत नहीं दिख रहे हैं।
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