प्रसिद्ध तबला वादक उस्ताद जाकिर हुसैन का रविवार (15 दिसंबर) को निधन हो गया। जाकिर हुसैन ने 73 वर्ष की आयु में संयुक्त राज्य अमेरिका में इलाज के दौरान अंतिम सांस ली। जाकिर हुसैन का अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को के एक अस्पताल में इलाज चल रहा है।
उस्ताद जाकिर हुसैन पिछले कुछ वर्षों से हृदय रोग से जूझ रहे थे। पिछले सप्ताह भी उनकी हालत बिगड़ने पर उन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था। हालांकि, जब उनकी हालत फिर से बिगड़ गई तो उन्हें इलाज के लिए अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया। इसी दौरान उनका निधन हो गया। उनके निधन से कला जगत में दुःख की छाया फैली है।
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जाकिर हुसैन शास्त्रीय संगीत की दुनिया में एक बड़ा नाम थे। शास्त्रीय संगीत की दुनिया में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए उन्हें 1988 में पद्मश्री, 2002 में पद्म भूषण और 2023 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया। जाकिर हुसैन को तीन ग्रैमी पुरस्कार भी मिले। ज़ाकिर हुसैन को 1990 में संगीत का सर्वोच्च सम्मान संगीत नाट्य अकादमी पुरस्कार भी मिला। उस्ताद जाकिर हुसैन को अपने करियर के दौरान सात बार ग्रैमी पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया था।
विश्व प्रसिद्ध तबला वादक उस्ताद जाकिर हुसैन प्रसिद्ध तबला वादक अल्लाह रक्खा खान के पुत्र थे। जाकिर हुसैन ने सात साल की उम्र में तबला बजाना शुरू किया, वहीं से कला क्षेत्र में लोकप्रियता और कामयाबी उनके साथ रही।