A,B के बाद अब C प्लान से 41 मजदूरों तक पहुंचेगा बचाव दल! सबकुछ तैयार    

तीसरा (C) विकल्प के तहत 170 मीटर तक साइडवेज ड्रिलिंग किया जाएगा।

A,B के बाद अब C प्लान से 41 मजदूरों तक पहुंचेगा बचाव दल! सबकुछ तैयार    

उत्तराखंड के उत्तरकाशी की सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को निकालने के लिए सरकार हर प्रयास कर रही है। उसी तरह बाधाएं भी एक बाद एक आती जा रही है। कहा जा रहा था कि अमेरिकी ऑगर मशीन की सहायता से जल्द मजदूरों तक पहुंचा जा सकेगा। मगर उसके खराब होने बाद से बचाव टीमें चार प्लान पर काम कर रही है। अब दूसरे प्लान के तहत सुरंग के ऊपर से वर्टिकल ड्रिलिंग (B) शुरू भी हो गई है। सुबह बारह बजे से साढ़े शाम चार बजे तक 15 मीटर तक ड्रिल भी किया जा चुका है। इसके साथ बचाव टीमें अब तीसरे विकल्प पर भी काम करना शुरू कर दी है इसके लिये  तैयारियां कर ली गई हैं।

बताया जा रहा है कि, मजदूरों तक पहुंचने के लिए 87 मीटर तक वर्टिकल ड्रिलिंग करनी होगी। अब एक 15 मीटर तक ड्रिल किया जा चुका है। कहा जा रहा है कि अगर इस प्लान के तहत कोई बाधा नहीं आई तो 15 दिन के अंदर मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया जाएगा। बचाव दल मजदूरों को बचाने के लिए किसी एक प्लान पर काम नहीं कर रहा है बल्कि चार विकल्पों के साथ काम कर रहा है। एनडीएमए के सदस्य, रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल सैयद अता हसैनन ने बताया कि आज रात या कल सुबह तक तीसरे विकल्प का काम शुरू कर दिया जाएगा।

अमेरिकी आगर मशीन के ब्लेड टूटने के बाद मजदूरों तक नहीं पहुंचा जा सका। इसके बाद पाइप से ऑगर के टूटे ब्लेड को निकाला जा रहा है। उसको निकालने के बाद मैन्युअल ड्रिलिंग की जायेगी। इस विकल्प के नाकाम होने के बाद रविवार को वर्टिकल ड्रिलिंग का काम शुरू कर दिया गया। अब तक 15 मीटर की खुदाई भी की जा चुकी है।

उन्होंने बताया कि अभी तीसरा (C) विकल्प अपनाया नहीं जा सका है, क्योंकि उसका सामान अभी रास्ते में है। सामान आ जाने के बाद  इस प्लान के तहत 170 मीटर तक साइड वेज ड्रिलिंग किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अभी सामान धीरे धीरे आ रहा है और उन सामानों को पहाड़ी पर शिफ्ट किया जाएगा उसके बाद उस पर काम शुरू होगा।

उन्होंने कहा कि अभी तक सबसे बेस्ट प्लान (ए) यानी अमेरिकी ऑगर मशीन से ड्रिलिंग है, जिसके जरिये मजदूरों के नजदीक पहुंचा जा सका है। लेकिन मशीन की ब्लेड टूटनेकी वजह से इसे रोक दिया गया है। अब ऑगर मशीन के ब्लेडों को निकालने के बाद मैन्युअल खुदाई शुरू की जाएगी। और ऑगर का इस्तेमाल कर पाइप को अंदर धकेला जाएगा। उन्होंने कहा कि यह सबसे सुरक्षित तरीका है।

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