वंदे भारत ट्रेन में सफर करनेवाले यात्रियों के लिए एक अच्छी खबर है। रेलवे कम दूरी और कम यात्री वाली कुछ वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों का किराया घटाने पर विचार कर रहा है। दरअसल कम दूरी वाली कुछ वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों की सीटें पूरी तरह फुल नहीं हो पा रही हैं। ऐसे में किराए का रिव्यू किया जा रहा है। संभावना जताई जा रही है कि 25% से 30% किराया कम हो सकता है।रिपोर्ट के मुताबिक इंदौर-भोपाल, भोपाल-जबलपुर और नागपुर-बिलासपुर एक्सप्रेस समेत अन्य वंदे भारत ट्रेनों के किराए में कमी होने के आसार हैं।
जून के अंत के आंकड़ों के अनुसार, भोपाल-इंदौर वंदे भारत सेवा में केवल 29 प्रतिशत ऑक्यूपेंसी दर्ज की गई, जबकि इंदौर-भोपाल वंदे भारत एक्सप्रेस की वापसी यात्रा में केवल 21 प्रतिशत ऑक्यूपेंसी थी। दोनों शहरों के बीच यात्रा में लगभग तीन घंटे लगते हैं और प्रति यात्री एसी चेयर कार टिकट के लिए 950 रुपये और एक्जीक्यूटिव चेयर कार के लिए 1525 रुपये का खर्च आता है। सूत्रों ने बताया कि इस ट्रेन का किराया काफी कम किया जा सकता है। नागपुर-बिलासपुर वंदे भारत एक्सप्रेस, जिसकी औसत ऑक्यूपेंसी लगभग 55 प्रतिशत है। भोपाल-जबलपुर वंदे भारत एक्सप्रेस में 32 प्रतिशत सीटें भरी हैं, जबकि वापसी यात्रा में जबलपुर-भोपाल वंदे भारत सेवा में 36 प्रतिशत सीटें भरी हैं।
वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों की सबसे लंबी यात्रा लगभग 10 घंटे की है और सबसे छोटी यात्रा लगभग तीन घंटे की है। सबसे ज्यादा व्यस्तता वाली वंदे भारत ट्रेनों में कासरगोड से तिरुवनंतपुरम ट्रेन सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस (183 प्रतिशत), तिरुवनंतपुरम से कासरगोड वंदे भारत ट्रेन (176 प्रतिशत), गांधीनगर-मुंबई सेंट्रल वंदे भारत एक्सप्रेस (134 प्रतिशत) शामिल हैं। वहीं, मुंबई सेंट्रल-गांधीनगर वंदे भारत एक्सप्रेस (129 प्रतिशत), वाराणसी-नई दिल्ली वंदे भारत एक्सप्रेस (128 प्रतिशत), नई दिल्ली-वाराणसी वंदे भारत एक्सप्रेस (124 प्रतिशत), देहरादून-अमृतसर वंदे भारत एक्सप्रेस (105) प्रतिशत), मुंबई-शोलापुर वंदे भारत एक्सप्रेस (111 प्रतिशत), शोलापुर-मुंबई वंदे भारत एक्सप्रेस (104 प्रतिशत) का भी नाम टॉप लिस्ट में है।
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