वाराणसी ज्ञानवापी मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने ज्ञानवापी परिसर में मिले शिवलिंग की कार्बन डेटिंग की इजाजत दे दी है। गौरतलब है कि हिन्दू पक्ष की महिलाओं ने मांग की थी ज्ञानवापी परिसर में मिले शिवलिंग की कार्बन डेटिंग की जाए। जिसको कोर्ट ने मानते हुए अब इसकी इजाजत दे दी है। साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा है कि इस कार्बन डेटिंग से शिवलिंग को को नुकसान नहीं पहुंचना चाहिए।
इलाहाबाद ने कार्बन डेटिंग वाली याचिका पर बड़ा आदेश दिया है। कोर्ट के आदेश में कहा गया है कि एएसआई शिवलिंग की उम्र का पता लगा सकता है। बताया जा रहा है कि कोर्ट ने यह आदेश एएसआई भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग की ओर से पेश की गई एक रिपोर्ट के बाद दिया है। कोर्ट ने कहा कि एएसआई वैज्ञानिक तरीके से शिवलिंग की जांच करें साथ ही इससे शिवलिंग को कोई नुकसान नहीं पहुंचना चाहिए।
बता दें कि ज्ञानवापी परिसर में मिले शिवलिंग के बारे में वैज्ञानिक तरीके से यह सर्वेक्षण किया जाएगा कि यह शिवलिंग कितना पुराना है। साथ ही यह भी पता लगाया जाएगा कि यह शिवलिंग है ही या कुछ और है। बता दें कि हिन्दू पक्ष ने लगातार इसकी मांग कर रहा था। लेकिन वाराणसी कोर्ट ने इन मांग को खारिज कर दिया था अब इलाहाबाद हाई कोर्ट ने इसकी परमिशन दे दी है। गौरतलब है कि कार्बन डेटिंग मामले में आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ़ इंडिया ने गुरूवार को सील बंद लिफ़ाफ़े में अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी।
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