ईटानगर। अरुणाचल प्रदेश की कामेंग नदी का पानी काला हो जाने से हजारों मछलियां मर गई। मछलियों के मरने से स्थानीय प्रशासन है। वहीं अब प्रशासन इसकी जाँच के लिए एक विशेषज्ञों की गठित की। यह टीम पता करेगी आखिर ये मछलियां क्यों मरी और नदी का पानी काला क्यों हुआ। इधर, स्थानीय लोगों का कहना है कि चीन ने कामेंग नदी के आसपास निर्माण कार्य बढ़ा दिया है जिसकी वजह से नदी का पानी काला हो रहा है और मछलियां मर रही हैं।
जिला मत्स्य पालन अधिकारी ने बताया कि प्रारंभिक जांच में नदी के पानी का टीडीएस बढ़ा हुआ पाया गया है। इसी कारण नदी के पानी का रंग भी काला पड़ गया। उन्होंने बताया कि टीडीएस बढ़ने के कारण जलीय प्रजातियों के लिए पानी में दृश्यता कम हो गई साथ ही उनको सांस लेने में भी समस्या हुई होगी, जिससे उनकी मृत्यु हो गई। विशेषज्ञों के अनुसार नदी में टीडीएस 6,800 मिलीग्राम प्रति लीटर था।
जो सामान्य सीमा 300-1,200 मिलीग्राम प्रति लीटर से काफी ज्यादा था। पूर्वी सियांग जिले के पासीघाट में सियांग नदी का पानी भी नवंबर 2017 में काला हो गया था। अब कामेंग नदी का पानी काला होने के पीछे लोग चीन की साजिश बता रहे हैं। आरोप है कि नदी से सटे इलाकों में चीन की निर्माण गतिविधियां तेज हो गई हैं। इस कारण पानी में टीडीएस बढ़ गया है।