देवभूमि कहे जाने वाले केरल में प्रकृति का वैभव देखने को मिलता है। 30 जुलाई को वायनाड जिले के कुछ गांवों में भीषण भूस्खलन हुआ| इससे तीन से चार गांव प्रभावित हुए। अब तक यह बात सामने आई है कि इस हादसे में 219 लोगों की मौत हुई है| सैकड़ों नागरिक अभी भी लापता हैं| भूस्खलन के बाद सैकड़ों लोगों को उनके घरों से निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया, जबकि बचाव अभियान जारी है। चार दिन बाद जब ये लोग अपने घर लौटे तो हैरान रह गए|कई लोगों के घरों में चोरी हो चुकी है| जो नागरिक पहले ही भूस्खलन के कारण अपने घर खो चुके हैं, उन्हें अब लगता है कि उन्होंने सब कुछ खो दिया है।
भूस्खलन के बाद, बचाव दल ने निवासियों को उनके घरों से निकाला और सुरक्षा कारणों से उन्हें आश्रय केंद्र में स्थानांतरित कर दिया। चार दिन बाद जब नागरिक घर लौटे तो उन्हें पता चला कि उनका कीमती सामान गायब है|कई स्थानीय लोगों ने अब पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है|नागरिकों ने यह भी मांग की है कि रात में पुलिस गश्त बढ़ाई जाए।
इस मौके पर देखने को मिला है कि केरल की सबसे बड़ी प्राकृतिक आपदा में चोरों ने भी अपने चोरी करने का अभियान चला रखा है| अपना सब कुछ गंवा चुके नागरिकों ने चोरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है| अनुरोध है कि रात के समय क्षेत्र में प्रवेश करने वाले अजनबियों पर नजर रखें। यहां लोगों ने मीडिया से बात करते हुए अपना दुख भी जाहिर किया|
ग्रामीणों ने बताया कि सुरक्षा कारणों से हमें न चाहते हुए भी अपना घर छोड़ना पड़ा, लेकिन जब हम वापस आये तो देखा कि हमारे घर का दरवाजा टूटा हुआ है| घर से कीमती सामान भी चोरी हो गया है। इतना ही नहीं चोरों ने घर से कपड़े भी चुरा लिए हैं| ऐसे में पहले से ही भूस्खलन की मार झेल रहे नागरिकों के सामने बड़ी समस्या खड़ी हो गई है| पुलिस ने नागरिकों की शिकायतों पर ध्यान दिया है और रात में इलाके में गश्त बढ़ाने का वादा किया है। पुलिस ने यह भी कहा कि वह चोरों को पकड़कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी|
बचाव कार्य जारी: इस बीच, भूस्खलन क्षेत्र में शनिवार को भी बचाव कार्य जारी रहा| आधुनिक रडार, ड्रोन से कीचड़ में फंसे लोगों की तलाश की जा रही है| स्थानीय लोगों ने अभी भी कुछ लोगों के लापता होने की सूचना दी है। उसी पृष्ठभूमि में सर्च ऑपरेशन चल रहा है| राज्य सरकार ने प्रभावित नागरिकों के लिए पुनर्वास योजना की घोषणा की है और पीड़ितों के लिए नए घरों का निर्माण किया जाएगा। भूस्खलन वाली जगह पर विभिन्न प्रणालियों के 1300 कर्मी काम कर रहे हैं| यहां एनडीआरएफ, के-9 डॉग स्क्वाड, सेना, विशेष जांच दल, मद्रास इंजीनियरिंग ग्रुप, पुलिस, अग्निशमन विभाग, वन विभाग, नौसेना और तटरक्षक बल को तैनात किया गया है।
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