पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले के एक गांव में नौ साल की बच्ची से बलात्कार और हत्या का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। इससे नाराज ग्रामीणों ने शनिवार सुबह जिले में अपना गुस्सा जाहिर किया|आक्रोशित नागरिकों ने पुलिस पर निष्क्रियता का आरोप लगाया और पुलिस चौकी में आग लगा दी| इस मामले में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है और पुलिस ने उस पर लगे आरोपों को खारिज कर दिया है|
कोचिंग क्लास गई और फिर घर नहीं लौटी: लड़की के परिवार और पड़ोसियों के मुताबिक, वह शुक्रवार दोपहर को कोचिंग सेंटर गई थी। जब वह घर नहीं लौटी तो परिजनों ने उसकी तलाश शुरू की| उसका पता लगाने में विफल रहने के बाद, उन्होंने पुलिस को उसके लापता होने की सूचना दी। हालांकि, स्थानीय पुलिस ने उन्हें दूसरे पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करने का निर्देश दिया।
शुक्रवार की रात पास के तालाब में एक लड़की का शव मिला, जिससे इलाके में तनाव फैल गया। शनिवार की सुबह गुस्साई भीड़ झाड़ू, लाठियां और बांस लेकर स्थानीय पुलिस स्टेशन के आसपास जमा हो गई| सब डिविजनल पुलिस अधिकारी आतिश विश्वास को घेर लिया गया| ग्रामीणों ने पुलिस चौकी में तोड़फोड़ कर आग लगा दी और कई महत्वपूर्ण दस्तावेज नष्ट कर दिये|
भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को आखिरकार लाठीचार्ज करना पड़ा। “अब तक एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है। यह देखा जाना बाकी है कि क्या इसमें कोई और भी शामिल है। इलाके में स्थिति बहाल करने की कोशिशें जारी हैं| यह हमारी प्राथमिकता है”, एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा।
पुलिस पर लापरवाही और अक्षमता का आरोप लगाया गया है| इन आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए पुलिस ने कहा, ”हमने आरोपी की पहचान कर ली है और उसे गिरफ्तार कर लिया है| उन्होंने स्वीकार भी किया है| जैसे ही हमें अपराध की जानकारी मिली, हमने तुरंत कार्रवाई की| हालांकि, अगर लोगों के आरोप हैं तो हम निश्चित रूप से उस पर भी गौर करेंगे।”
विपक्ष ने की ममता बनर्जी की आलोचना: इस घटना से राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है क्योंकि विपक्ष ने तृणमूल कांग्रेस सरकार की आलोचना की है| उन्होंने शिकायत को गंभीरता से नहीं लिया। भाजपा नेता सुकांत मजूमदार ने कहा की यदि घर की दुर्गा सुरक्षित न हो तो किस दुर्गा की पूजा करनी चाहिए? ये सब ममता बनर्जी की वजह से हो रहा है|
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