प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तमिलनाडु के दो दिवसीय दौरे के अंतिम दिन धनुषकोडि पहुंचे। शनिवार को पीएम मोदी श्री रंगनाथ स्वामी मंदिर और रामेश्वरम में डुबकी लगाई। रविवार को पीएम मोदी अरिचल मुनाई प्वाइंट पर समुद्र की पूजा अर्चना की। यह वही स्थान है जहां राम सेतु का निर्माण हुआ था। पीएम मोदी ने यहां कोडंडाराम स्वामी मंदिर में दर्शन पूजा किया। बता दें कि, पीएम मोदी 22 जनवरी को अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा करेंगे। इसके लिए पीएम मोदी 11 दिन का विशेष अनुष्ठान कर रहे हैं। इसी कड़ी में पीएम मोदी देशभर के भगवान राम से जुड़े मंदिरों का दौरा कर रहे हैं। ऐसे में जानते है कि कोडंडाराम मंदिर का क्या पौराणिक महत्व है।
तमिलनाडु: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अरिचल मुनाई पॉइंट पर पहुंचे, जहां से राम सेतु शुरू होता है। pic.twitter.com/fkkbo6EkIY
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 21, 2024
दरअसल, कोडंडाराम का अर्थ होता है धनुषधारी राम। जो धनुषकोडि में स्थित है। मान्यता है कि भगवान राम की विभीषण से यहीं पर पहली बार मुलाक़ात हुई थी और उसने भगवान राम की शरण मांगी थी। कोडंडाराम स्वामी मंदिर तमिलनाडु के रामेश्वर में स्थित है। जो श्री कोडंडाराम स्वामी को समर्पित है। जिसका मतलब होता है धनुषधारी राम। कहा जाता है कि यह मंदिर 1000 साल पुराना है और मंदिर के दीवारों पर रामायण से जुडी घटनाओं का चित्रण किया गया है। वहीं भगवान राम के मुख्य देवता के रूप में धनुष को दर्शाया गया है, जिसे कोठंडम कहा जाता है। इसलिए मंदिर का नाम कोडंडाराम स्वामी रखा गया है।
#WATCH तमिलनाडु: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने धनुषकोडी में श्री कोठंडारामास्वामी मंदिर में पूजा-अर्चना की। pic.twitter.com/LC7dMJ3gQL
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यहां पर अथी मरम पेड है जो कोडंडाराम स्वामी मंदिर का मुख्य आकर्षण है। जिसे सबसे पुराना पेड़ माना जाता है। यहीं नंदम बक्कम है, जहां भगवान राम ने ऋषि भृंगी के आश्रम में कुछ दिन रुके थे। बता दें कि, पीएम मोदी रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए 11 दिन का अनुष्ठान कर रहे हैं, उन्होंने पहले दिन महाराष्ट्र के नासिक में कालाराम मंदिर में पूजा अर्चना कर अनुष्ठान की शुरुआत की थी। नामा जाता है कि गोदावरी के किनारे पंचवटी में वनवास के समय माता सीता और भाई लक्ष्मण के साथ यहां रुके थे। इसके बाद आंध्र प्रदेश , केरल और अब तमिलनाडु के दौरे पर है।
वैसे, कांग्रेस ने राम सेतु को नकार दिया था। पीएम मोदी ने सेतु पहुंच कर एक नई बहस को जन्म दिया है। इसके अलग अलग मतलब भी निकाले जाएंगे। आने वाले समय में इस जगह को एक नई पहचान मिल सकती है। समुद्र किनारा जितना मनमोहक है उतना ही इसका पौराणिक महत्त्व है। कहा जा सकता है कि पीएम मोदी ने रामसेतु को एक प्रकार से संजीवनी दे दी है। सबसे बड़ी बात यह कि पीएम मोदी ने यहां कुछ समय भी बिताया यहां प्राणयाम किया। साथ ही पूजा अर्चना भी की।
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