कतर से आठ पूर्व नौसेना अधिकारियों की रिहाई को भारत के लिए बड़ी कूटनीतिक जीत के तौर पर देखा जा रहा है। कतर में मौत की सजा पाए पूर्व आठ भारतीय नौसेना अधिकारियों को दोहा की एक अदालत ने रिहा कर दिया। सोमवार को विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर बताया कि पूर्व आठ भारतीय अधिकारियों में से सात भारत लौट आये हैं। ऐसे में जानते है कि वे आठ नौसेना अधिकारी कौन हैं।
इसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था और उन पर जासूसी का आरोप लगा था। इनमें कैप्टन नवतेज गिल, कैप्टन सौरभ वशिष्ठ, कमांडर पूर्णेंदु तिवारी, कमांडर अमित नागपाल, कमांडर एसके गुप्ता, कमांडर बीके वर्मा , कमांडर सुगुनाकर पकाला और कमांडर नाविक रागेश को रिहा किया गया है।
#WATCH दिल्ली: कतर से लौटे पूर्व भारतीय नौसेना कर्मियों में से एक ने कहा, "प्रधानमंत्री मोदी के हस्तक्षेप के बिना हमारे लिए यहां खड़ा रहना संभव नहीं था, यह भारत सरकार के निरंतर प्रयासों के कारण हुआ।" pic.twitter.com/ZQeSEUJ1Gq
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 12, 2024
बताया जा रहा है कि दिल्ली हवाई अड्डे पर पहुंचे सात पूर्व नौसेना अधिकारियों ने “भारत माता की जय के नारे लगाए। ” पूर्व नौसेना अधिकारियों ने भारत के पीएम मोदी और कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी का धन्यवाद किया। पूर्व नौसेना अधिकारियों ने कहा कि पीएम मोदी की वजह से हमारी रिहाई हुई। उनके बिना हमारी रिहाई असंभव थी। उनके व्यक्तिगत हस्तक्षेप की वजह से ही हम लोगों की रिहाई सुनिश्चित हुई।
गौरतलब है कि इन पूर्व आठ भारतीय अधिकारियों को 2022 में जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। पिछले साल दिसंबर में इन पूर्व आठ भारतीय अधिकारियों की कतर अदालत ने मौत की सजा को कम कर दिया था। पूर्व आठ भारतीय अधिकारियों दोहा स्थित अल दहरा ग्लोबल कंपनी काम करते थे।
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