काबुल। अफगानिस्तान में काबुल एयरपोर्ट पर दो आत्मघाती शक्तिशाली हमले और बंदूकधारियों द्वारा भीड़ पर हमले किये गए जिसमें लगभग 90 लोगों के मारे जाने की खबर है। जबकि कई लोग घायल हो गए। इस आत्मघाती हमले में 13 अमेरिकी सैनिक मारे गए हैं। वहीं अमेरिका सहित कई देशों ने इस घटना की निंदा की है। इस आत्मघाती हमले की ISIS-K ने जिम्मेदारी ली है। एक खबर में कहा गया है कि यह आतंकी गुट चाहता है अफगानिस्तान से एक भी अमेरिकी सैनिक सुरक्षित वापस अमेरिका न जाए।
वहीं पेंटागन ने बताया कि काबुल हवाई अड्डे के बाहर ISIS की तरफ से किए गए हमले में 13 अमेरिकी सैनिक मारे गए और 18 अन्य घायल हो गए। इस बीच आतंकी समूह ISIS-K ने समूह के टेलीग्राम अकाउंट पर काबुल हवाई अड्डे पर हुए घातक दोहरे हमले की जिम्मेदारी ली है। अफगानिस्तान में अस्पतालों का संचालन करने वाली इटली की एक संस्था ने कहा कि वो हवाईअड्डे पर हमले में घायल लोगों का कर रहे हैं जबकि कुछ घायलों ने अस्पताल लाने के दौरान दम तोड़ दिया।
काबुल एयरपोर्ट के बाहर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा: भारतीय समय के मुताबिक रात करीब पौने तीन बजे अमेरिकी राष्ट्रपति ने मीडिया को पूरे हालात पर ब्रीफिंग दी और कहा कि हमला करने वालों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। एहतियात के तौर पर अब काबुल एयरपोर्ट के बाहर सुरक्षा व्यवस्था को और बढ़ा दिया गया है। जो बाइडेन ने कहा, ”इस हमले को अंजाम देने वालों के साथ-साथ अमेरिका को नुकसान पहुंचाने की इच्छा रखने वाले कोई भी व्यक्ति ये जान ले कि हम तुम्हे माफ नहीं करेंगे। हम तुम्हे नहीं भूलेंगे। हम तुम्हे मार गिराएंगे, तुम्हें भुगतान करना ही होगा। हम अपने और अपने लोगों के हितों की रक्षा करेंगे। ” ISIS खोरासान के आतंकियों ने दावा किया है कि उन्होंने ही अमेरिकी सैनिकों को निशाना बनाया है। काबुल में अमेरिका बड़े पैमाने पर रेस्क्यू ऑपरेशन चला रहा है। एयरपोर्ट के बाहर हजारों लोगों की भीड़ इकठ्ठा है और इसी भीड़ का फायदा उठाकर ISIS खोरासान के आतंकियों ने आत्मघाटी हमला कर दिया।
ISIS-K यानी खोरासान गुट: ईरान, तुर्कमेनिस्तान, अफगानिस्तान की सीमा पर खोरासान नाम के इलाके में 2012 में लड़ाकों ने एक गुट बनाया था। सीरिया जैसे देशों को तबाह करने वाला ISIS अब काबुल में है। वो भी ISIS-K के नाम से यानी इस्लामिक स्टेट खोरासान (Islamic State Khorasan) 2014 में इस गुट का ISIS के प्रति झुकाव हुआ और वो इस्लामिक स्टेट की मुहिम में शामिल हो गए। ISIS के करीब 20 मॉड्यूल हैं, जिसमें सबसे खतरनाक ISIS-K यानी खोरासान गुट है। दक्षिण एशिया में खोरासान का नेटवर्क सबसे मजबूत है। ISIS का खोरासान मॉड्यूल इस वक्त सबसे ज्यादा सक्रिय है। ये संगठन तालिबान छोड़ने वाले लड़ाकों की भर्ती करता है।इस्लामिक स्टेट खुरासान का गठन 2014 के अंत में हुआ था और यह अफगानिस्तान और पाकिस्तान में ISIS से जुड़कर काम करता है। खुरासान उस क्षेत्र के लिए एक ऐतिहासिक शब्द है जिसमें वर्तमान अफगानिस्तान और मध्य पूर्व और मध्य एशिया के कुछ हिस्से शामिल हैं। समूह को ISIS-K या IS-K के नाम से भी जाना जाता है।
इसके संस्थापक सदस्यों में वे आतंकवादी शामिल थे जिन्होंने अफगान तालिबान और पाकिस्तानी तालिबान दोनों को छोड़ दिया था। साल 2015 में एक वीडियो आया था जिसमे उस समय समूह के नेता, हाफिज सईद खान और अन्य शीर्ष कमांडरों ने इस्लामिक स्टेट के तत्कालीन नेता अबू बक्र अल-बगदादी के प्रति अपनी निष्ठा का वचन दिया था, और खुद को अफगानिस्तान में एक नए आईएसआईएस क्षेत्र का प्रशासक घोषित किया था।
लड़ाकू विमान मिशन पर: आतंकी, भविष्य में फिर से ऐसे किसी भी हमले को अंजाम ना दे सकें। इसलिए अमेरिका ने एयरपोर्ट के आस-पास अपने जंगी बेड़े को मजबूत कर दिया है। अत्याधुनिक लड़ाकू विमान F-15 और अपाचे हेलिकॉप्टर को सुरक्षा मिशन पर लगाया गया है। साथ ही आतंकियों की उनकी मांद से ढूंढ निकालने के लिए रीपर ड्रोन को डिप्लॉय किया गया है। क्योंकि पेंटागन को आशंका है कि ISIS खोरासान फिर से हमले की फिराक में है। सेंट्रल कमांड के कमांडर जनरल केनेथ मैकेनजी ने कहा, ”हमें लगता है कि आतंकी फिर से हमले कर सकते हैं इसीलिए हम हर वो कोशिश कर रहे हैं जिससे ऐसे हमलों से निपटा जा सके।
ब्लेम गेम भी शुरू: इसमें तालिबान से संपर्क भी शामिल है जो वास्तव में हवाई क्षेत्र के चारों ओर बाहरी सुरक्षा घेरा प्रदान कर रहे है। ” तालिबान और पाकिस्तान ने भी धमाके में हुए लोगों की मौत की घटना पर दुख जताते हुए आतंकी हमले की निंदा की है। हालांकि इस धमाके के बाद ब्लेम गेम भी शुरू हो गया है. रेडियो पाकिस्तान से बात करते हुए तालिबान प्रवक्ता जबीउल्ला मुजाहिद ने एयरपोर्ट पर उस जगह धमाके का दावा किया है जिसकी सुरक्षा अमेरिकी सैनिकों के पास है। अमेरिकी रक्षा विभाग ने दावा किया है कि आतंकी संगठन IS कार बम से हमला कर सकता है जिसका खतरा काफी ज्यादा है। आतंकी हमारे विमान को भी निशाना बनाने की फिराक में हैं। इटली ने तो और डराने वाला दावा किया है। इटली के रक्षा सूत्रों का दावा है कि काबुल एयरपोर्ट से उड़ान के बाद इटली के सैनिक विमान पर फायरिंग भी की गई।