जम्मू कश्मीर के अनंतनाग में सेना और आतंकियों के बीच हुई मुठभेड़ में तीन जवान शहीद हो गए।इसमें दो सेना के जवान और एक जम्मू कश्मीर के जवान शामिल हैं। ऐसी आंशका जताई गई है कि आतंकियों ने पहले से ही घात लगाए हुए थे और जैसे पुलिस और सेना के जवानों ने सर्च अभियान शुरू किया। आतंकियों ने हमला कर दिया। इस हमले की जिम्मेदारी लश्कर -ए- तैयबा की शाखा टीआरएफ या द रजिस्टेंस फ़ोर्स ने ली है। ऐसे में यह सवाल है कि यह आतंकी संगठन कौन है। जो हमले की जिम्मेदारी ली।
दरअसल, द रजिस्टेंस फ़ोर्स आतंकी संगठन का वजूद 2019 में सामने आया था। बताया जाता है कियह संगठन पाकिस्तान के आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का चेहरा है। एक तरह से यह संगठन लश्कर -ए- तैयबा का मोहारा कहा जाता है। यह संगठन युवाओं को बहला फुसलाकर उन्हें आतंकी संगठन में शामिल करता है। बताया जाता है कि इसी संगठन के आतंकी पाकिस्तान से जम्मू कश्मीर में घुसपैठ करते हैं। इसके जरिये पाकिस्तान हथियारों और ड्रग्स की तस्करी करता है। इसी साल केंद्र सरकार ने इस संगठन पर पाबंदी लगा दी है। इस संगठन का नेतृत्व कमांडर शेख सज्जाद गुल करता है। सज्जाद वांटेंड आतंकी है और वह जम्मू कश्मीर में टारगेट किलिंग में शामिल भी रहा है।
बताया जा रहा है कि बुधवार को अनंतनाग में सेना को आतंकियों के होने की सूचना मिली थी।इसके साथ सेना और पुलिस की संयुक्त टीम बनाकर सर्च अभियान शुरू किया गया। इसी दौरान आतंकियों की ओर से गोलीबारी की गई, जिसमें एक राष्ट्रीय रायफल्स के कर्नल मनप्रीत सिंह और एक मेजर आशीष धौंचक शहीद हो गए। इसके अलावा जम्मू कश्मीर के एक डीएसपी हुमायूं भट्ट भीशहादत देने वालों में शामिल हैं।
खबरों के मुताबिक़, मंगलवार को अनंतनाग के कोकोरेनाग में आतंकियों के छुपने की खबर सेना को मिली थी। इसके बाद सेना और पुलिस की एक संयुक्त टीम का गठन कर सर्च अभियान चलाया गया। जिसको लीड कर्नल मनप्रीत सिंह कर रहे थे। कहा जा रहा है कि ऊंचाई पर मौजूद आतंकियों ने टीम पर हमला कर दिया। इस हमले में अधिकारी घायल हो गए।
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