हादसे की शुरुआत: टेकऑफ से पहले की स्थिति अहमदाबाद एयरपोर्ट पर लंदन के लिए उड़ान भरने को तैयार एयर इंडिया का विमान रनवे पर टेकऑफ की प्रक्रिया में था। इसी दौरान, विमान की पीछे से किसी वस्तु से टक्कर हो गई, जिससे वह क्रैश हो गया।
टेकऑफ सबसे संवेदनशील चरण क्यों होता है?: अंतरराष्ट्रीय एविएशन आंकड़ों के मुताबिक, दुनिया की 35 प्रतिशत विमान दुर्घटनाएं टेकऑफ या उसके तुरंत बाद होती हैं। इसका कारण यह है कि टेकऑफ के समय विमान अधिकतम स्पीड पर होता है| पायलट पर अत्यधिक मानसिक दबाव होता है| मौसम, रनवे, तकनीक- सभी का एक साथ तालमेल ज़रूरी होता है|
टेकऑफ के दौरान क्रैश के संभावित कारण-
इंजन फेलियर: टेकऑफ के समय इंजन पूरी ताकत पर काम करता है| बर्ड हिट, फ्यूल प्रेशर समस्या, या तकनीकी खराबी इंजन को फेल कर सकती है|
पायलट की मानवीय गलती: गलत स्पीड जजमेंट, पिच एंगल या रनवे पॉइंट का निर्धारण, इमरजेंसी में तुरंत निर्णय न लेना भी जोखिमपूर्ण|
तकनीकी खराबी: लैंडिंग गियर, हाइड्रोलिक्स, एयरस्पीड इंडिकेटर में गड़बड़ी, सिस्टम फेलियर टेकऑफ रोकना असंभव बना सकता है|
मौसम संबंधी कारण: माइक्रोबर्स्ट (नीचे की ओर तेज़ हवा), विजिबिलिटी की कमी, ये कारक विमान को ज़मीन की ओर धकेल सकते हैं|
रनवे पर बाहरी बाधाएं: कोई वाहन, जानवर, पक्षी या अन्य विमान रनवे पर आने से क्रैश की स्थिति बन सकती है|
टेकऑफ क्रैश प्रोसेस – कैसे होता है हादसा? विमान रनवे पर रफ्तार पकड़ता है| यदि V1 स्पीड (निर्धारित बिंदु) से पहले गड़बड़ी हो, तो टेकऑफ रोकी जा सकती है| V1 के बाद टेकऑफ रोकना खतरनाक हो जाता है| अगर इंजन फेलियर या कोई अलार्म आता है, तो पायलट को सेकंड्स में निर्णय लेना होता है
पायलट की भूमिका: 3 भागों में जिम्मेदारी
टेकऑफ प्लानिंग:
मौसम, फ्यूल, वजन और रनवे की गणना
इमरजेंसी स्क्रिप्ट तैयार रखना
रनवे पर निगरानी:
थ्रॉटल, एयरस्पीड, बर्ड्स, रनवे कंडीशन का विश्लेषण
इमरजेंसी रिस्पॉन्स:
इंजन फेल, अलार्म, सिस्टम फेल के दौरान त्वरित निर्णय लेना
नोट: टेकऑफ में ऑटोपायलट नहीं होता; हर नियंत्रण पायलट के हाथ में होता है।
ICAO आंकड़ों के अनुसार टेकऑफ दुर्घटनाओं के कारण: मानवीय भूल (Human Error) 65 प्रतिशत, तकनीकी खराबी 20 प्रतिशत, और मौसम10 प्रतिशत सहित अन्य 5 प्रतिशत की संभावनाएं होती हैं|
गुजरात: अहमदाबाद में बड़ा हादसा, 242 यात्रियों वाला एयर इंडिया विमान क्रैश!



