भारतीय-अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स पिछले दो महीने से अंतरिक्ष स्टेशन में फंसी हुई हैं। उनके साथ बुच विल्मोर भी अंतरिक्ष स्टेशन में फंसे हुए हैं| पिछले कुछ दिनों से अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी (NASA) इन्हें धरती पर वापस लाने की कोशिश कर रही है,लेकिन नासा को फिर भी सफलता नहीं मिली| इससे पूरी दुनिया में चिंता का माहौल पैदा हो गया है|
सुनीता 5 जून को अंतरिक्ष स्टेशन गईं थीं, लेकिन स्टारलाइनर में खराबी के कारण यह अभी भी पृथ्वी पर वापस नहीं आ सका। इस बीच भारतीय अंतरिक्ष संगठन के प्रमुख एस.सोमनाथ से इस संबंध में सवाल पूछा गया। क्या इसरो सुनीता विलियम्स को लाने में भारत मदद करेगा? सोमनाथ ने समझाया कि केवल अमेरिका और रूस ही मदद कर सकते हैं।
अमेरिका, रूस छोड़ें सवाल: यूट्यूब पॉडकास्ट BearBiceps से बात करते हुए इसरो के चेयरमैन एस.सोमनाथ ने कहा, ‘दुर्भाग्य से, हम इस समय उनकी मदद नहीं कर सकते। हमारे पास उन्हें बचाने के लिए यान भेजने की क्षमता नहीं है।’ उन दोनों अंतरिक्ष यात्रियों को इस संकट से सिर्फ अमेरिका या रूस ही निकाल सकता है| क्योंकि अमेरिका के पास क्रू ड्रैगन गाड़ी है| रूस के पास सोयुज है| दोनों का उपयोग बचाव कार्यों के लिए किया जा सकता है।
स्थिति अभी भी नियंत्रण में: क्या इसरो प्रमुख को दोनों अंतरिक्ष यात्रियों ने अंतरिक्ष में फंसा दिया है? पूछने पर सोमनाथ ने कहा, मुझे ऐसा नहीं लगता| ऐसा नहीं है कि स्थिति बहुत गंभीर हो गयी है| केवल स्टारलाइनर कुछ असामान्य पाया गया है, इसलिए सावधानी बरती जा रही है। साथ ही लॉन्च से पहले ही स्टारलाइनर में कई दिक्कतें पाई गईं। इसके बाद इसे लॉन्च करने का फैसला लिया गया, लेकिन अब वापसी यात्रा में सावधानी बरती जा रही है|
नासा की बैठक में होगा फैसला: नासा में अब वैज्ञानिकों की बैठक होने वाली है| बैठक में नासा के प्रशासक बिल नेल्सन और अन्य अधिकारी शामिल होंगे। इसमें आगे की योजना बनाई जाएगी। क्या बोइंग का नया कैप्सूल सुनीता विलियम्स और उनके सहयोगियों को अंतरिक्ष में ला सकता है? इसका निर्णय लिया जायेगा|
यह भी पढ़ें-