अयोध्या में करोड़ों राम भक्तों का सपना साकार हो रहा है। क्योंकि उनके रामलला का मंदिर आकार ले रहा है। हजारों बलिदान और सैकड़ों वर्षों के संघर्षों के बाद अयोध्या में तेज गति के साथ प्रभु श्रीराम भव्य और दिव्य मंदिर बनाया जा रहा है। अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर में भगवान राम की मूर्ति कब लगेगी, इस तारीख का ऐलान हाल ही में किया गया है। मूर्ति निर्माण के लिए गठित ट्रस्ट के एक प्रमुख सदस्य और राम मंदिर के प्रबंधन ने बीते बुधवार को कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जनवरी 2024 के तीसरे सप्ताह में भगवान रामलला की मूर्ति को उसके मूल स्थान पर स्थापित करेंगे।
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने ‘रामलला’ की नई मूर्ति के आकार और जिस पत्थर से मूर्ति बनाई जानी है, उसे अंतिम रूप देने के लिए देश के शीर्ष मूर्तिकारों को सेवा में लगाया है। देश भर के शीर्ष मूर्तिकार भगवान राम की नई प्रस्तावित मूर्ति के अपने मॉडल, श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र को सौंप रहे हैं। इसी परिपेक्ष्य में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने बताया कि शीर्ष संतों और हिंदू विद्वानों से सुझाव मिले हैं कि ‘राम लला’ की मूर्ति 5-6 साल के बच्चे की तरह होनी चाहिए। विचार यह है कि केवल एक खड़ी मूर्ति बनाई जानी चाहिए।
कुछ दिन पहले चंपत राय ने मंदिर के गर्भगृह की तस्वीर जारी की थी। जहां पर रामलाल विराजमान होंगे। राम मंदिर में नक्काशी का काम तेजी के साथ चल रहा है। राजस्थान से पत्थर मंगवाए गए हैं। कारीगर भी बाहर से ही आए हैं। वहीं राम मंदिर को 2024 की शुरुआत में श्रद्धालुओं के लिए खोले जाने की योजना चल रही है।
हालांकि मूर्तिकारों से मॉडल प्राप्त करने के बाद अंतिम निर्णय किया जाएगा। रामलला की आंखें, नाक, कान, चेहरा, पैर की उंगलियां, धनुष और तीर किस आकार के होंगे, इन सूक्ष्म पहलुओं पर बारीकियों से काम किया जा रहा है। इसके साथ ही अस्थायी मंदिर में यह आखिरी रामनवमी समारोह होगा, क्योंकि अगले साल से भव्य राम मंदिर के गर्भगृह में मूर्ति को स्थानांतरित कर दिया जाएगा, जो निर्माणाधीन है।
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