मणिपुर तीन मई को शुरू हुई हिंसा की आग आज तक धधक रही है। इस हिंसा की वजह से सैंकड़ों लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि हजारों की संख्या में लोग घायल हुए हैं। माहौल को शांत करने की कोशिश भी की गई बावजूद इसके स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ। वहीं, इस बीच हिंसाग्रस्त मणिपुर में महिला कार्यकर्ताओं ने सुरक्षाबलों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
दरअसल हजारों महिला कार्यकर्ताओं ने सुरक्षा बलों के ऑपरेशन को रोक दिया है। महिला कार्यकर्ताओं ने वहां की सड़कों को ब्लॉक कर दिया है। सुरक्षा बलों का कहना है वहां की महिलाएं जानबूझकर सड़कें ब्लॉक कर रही हैं। इस वजह से सुरक्षा बल अपने ऑपरेशन को सही तरीके से नहीं चला पा रहे हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हिंसा रोकने को लेकर मणिपुर का भी दौरा किया था। इसके कुछ दिनों तक राज्य में शांति स्थापित हुई थी लेकिन इसके बाद फिर से वहां हिंसा भड़क गई।
जबकि पिछले हफ्ते महिला कार्यकर्ताओं के हस्तक्षेप के कारण सुरक्षा बलों ने 12 गिरफ्तार उग्रवादियों को मजबूरी के कारण छोड़ दिया था। दरअसल, 24 जून को पूर्वी इंफाल के इटहाम गांव में सुरक्षाबलों ने एक खास ऑपरेशन चलाया था। इस दौरान केवाईकेएल के 12 उग्रवादियों को हथियार और गोला-बारूद के साथ गिरप्तार किया गया था। मगर 1200-1500 महिलाओं की भीड़ ने सुरक्षाबलों को घेर लिया और उग्रवादियों को उनके चंगुल से छुड़ा लिया था।
वहीं भारतीय सेना ने ट्वीट कर कर कहा कि मणिपुर में महिला कार्यकर्ता जानबूझकर सड़कों को ब्लॉक कर रही हैं और सुरक्षा बलों के ऑपरेशन में हस्तक्षेप कर रही हैं। ऐसा करना किसी भी तरह से सही नहीं है। भारतीय सेना ने मणिपुर के लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। उन्होंने वहां के लोगों से कानून व्यवस्था बनाए रखने और शांति स्थापित करने में मदद करने की अपील की है।
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