भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष और बीजेपी सांसद बृजभूषण सिंह पर महिला पहलवानों ने यौन शोषण के आरोप लगाए हैं। साथ ही पहलवान विनेश फोगाट अन्य महिला पहलवानों के साथ दिल्ली के जंतर मंतर पर बृजभूषण सिंह के खिलाफ धरने पर बैठीं हैं। इस खबर के बाद से ही सनसनी मच गई है। केंद्रीय खेल मंत्रालय ने अब इस पर गंभीरता से ध्यान दिया है। खेल मंत्रालय की तरफ से कुश्ती संघ से 72 घंटे में आरोपों के जवाब देने के लिए कुश्ती संघ को नोटिस भेजा गया है।
भारतीय खेल प्राधिकरण के अनुसार, “ओलंपिक और राष्ट्रमंडल खेलों के पदक विजेताओं सहित पहलवानों को उनके द्वारा लगाए गए आरोपों का 72 घंटे के भीतर जवाब देना चाहिए। केंद्रीय खेल मंत्रालय ने भारतीय कुश्ती महासंघ को ऐसा निर्देश दिया है। साथ ही लखनऊ में 18 जनवरी से शुरू होने वाला महिला राष्ट्रीय कुश्ती प्रशिक्षण शिविर भी रद्द कर दिया गया है। इस शिविर में 41 पहलवानों और 13 प्रशिक्षकों को भाग लेना था। मंत्रालय ने आगे कहा है कि अगर डब्ल्यूएफआई अगले 72 घंटों के भीतर जवाब देने में विफल रहता है, तो मंत्रालय राष्ट्रीय खेल विकास संहिता, 2011 के प्रावधानों के अनुसार महासंघ के खिलाफ कार्रवाई शुरू करेगा।
बता दें कि महिला पहलवान विनेश फोगाट ने एक चौंकाने वाले खुलासे में बुधवार, 18 जनवरी को रोते हुए आरोप लगाया कि भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह कई वर्षों से महिला पहलवानों का यौन शोषण कर रहे हैं। महिला पहलवान ने उन्हें हटाने के लिए प्रधानमंत्री और गृह मंत्री के हस्तक्षेप की मांग की।
विनेश फोगाट ने कहा, ‘कोच महिलाओं को परेशान कर रहे हैं। महासंघ के कुछ कोच महिला कोचों के साथ बदसलूकी भी करते हैं। वे महिला खिलाड़ियों को परेशान करते हैं। यहां तक कि रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष ने भी कई लड़कियों का यौन शोषण किया है, ”विनेश फोगट ने बृजभूषण सिंह पर आरोप लगाया। “वे हमारे निजी जीवन में हस्तक्षेप करते हैं और परेशान करते हैं। वे हमारा शोषण कर रहे हैं। जब हम ओलंपिक में जाते हैं तो हमारे पास फिजियो या कोच नहीं होता। हमने आवाज उठाने की कोशिश की। लेकिन, उन्होंने हमें धमकी देना शुरू कर दिया।
दिल्ली के के जंतर मंतर पर चार घंटे से अधिक समय तक धरने पर बैठने के बाद विनेश ने कहा, “मुझे 10-12 महिला पहलवानों अपनी कहानियां सुनाईं। उन्होंने डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष से हुए यौन शोषण के बारे में मुझे बताया है। मैं अभी उनका नाम नहीं ले सकती, लेकिन अगर हम देश के प्रधानमंत्री और गृह मंत्री से मिले तो मैं नामों का खुलासा जरूर कर सकती हूं।”
विनेश के साथ बैठे टोक्यो ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता पहलवान बजरंग पूनिया ने कहा कि महासंघ मनमाने ढंग से चलाया जा रहा है और जब तक डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष को हटाया नहीं जाता तब तक वे किसी अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में हिस्सा नहीं लेंगे। बजरंग, विनेश, रियो ओलंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक, विश्व चैम्पियनशिप पदक विजेता सरिता मोर, संगीता फोगाट, सत्यव्रत मलिक, जितेंद्र किन्हा और राष्ट्रमंडल खेल पदक विजेता सुमित मलिक जंतर मंतर पर धरने पर बैठे 30 पहलवानों में शामिल हैं।
पहलवानों के आरोपों पर रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने सफाई देते हुए कहा कि धरने पर बैठे पहलवानों ने ओलंपिक के बाद किसी भी राष्ट्रीय टूर्नामेंट में हिस्सा नहीं लिया है। क्या पिछले दस सालों से उन्हें फेडरेशन से कोई दिक्कत नहीं थी? मुद्दे तब सामने आते हैं जब नए नियम और विनियम लाए जाते हैं। यौन उत्पीड़न की कोई घटना नहीं हुई है। बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि यौन उत्पीड़न एक बड़ा आरोप है। जब मेरा ही नाम इसमें घसीटा गया है तो मैं कैसे कार्रवाई कर सकता हूं? क्या कोई सामने है जो कह सके कि फेडरेशन ने किसी एथलीट का उत्पीड़न किया हो। यौन उत्पीड़न की कोई घटना नहीं हुई है। अगर ऐसा हुआ है तो मैं फांसी लगा लूंगा।
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