‘मोदी मॉडल’ की तर्ज पर योगी मंत्रिमंडल का विस्तार, जानिए क्या है समीकरण ?

‘मोदी मॉडल’ की तर्ज पर योगी मंत्रिमंडल का विस्तार, जानिए क्या है समीकरण ?

लखनऊ। मोदी मंत्रिमंडल के बाद अब योगी आदित्यनाथ मंत्रिमंडल के विस्तार की अटकलें तेज हो गई हैं। चर्चाओं का बाजार गर्म है कि योगी मंत्रिमंडल का विस्तार भी मोदी मंत्रिमंडल की तरह होगा। जिसमें आगामी चुनाव को देखते हुए फेरबदल किया जायेगा। यहां भी जाति समीकरण को साधने की कोशिश की जाएगी। जिस तरह मोदी मंत्रिमंडल में यूपी से सात लोगों को शामिल किया गया। इसके आलावा केंद्रीय मंत्रिमंडल में जिस तरह से सत्तर वर्ष से अधिक उम्र और राजकाज में कमजोर प्रदर्शन करने वालों को बाहर का रास्ता दिखाया गया है। वैसे ही योगी मंत्रिमंडल मोदी मॉडल अपनाकर 2022 का चुनावी किला फतह कर सकता है।
सात मंत्रियों की जगह खाली: योगी आदित्यनाथ मंत्रिमंडल में मानकों के हिसाब से कुल 60 सदस्य हो सकते हैं, जबकि अभी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत 53 ही हैं। इनमें 23 कैबिनेट, नौ राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और 21 राज्यमंत्री हैं। इस तरह अभी सात मंत्रियों की जगह तो सीधे-सीधे खाली है। अगले वर्ष होने जा रहे विधानसभा चुनाव से पहले इन सात सीटों पर नए मंत्री बनाकर किसी जाति या क्षेत्र को प्रतिनिधित्व दे सकती है। मोदी ने सत्तर वर्ष की उम्र वाले या काम में कमजोर मंत्रियों का इस्तीफा ले लिया। योगी आदित्यनाथ सरकार भी सत्तर वर्ष वाले या कमजोर प्रदर्शन वाले मंत्रियों को बाहर का रास्ता दिखा सकती है। सत्तर के आसपास या उससे ऊपर वाले दायरे में सहकारिता मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा, दुग्ध विकास, पशुधन, मत्स्य मंत्री लक्ष्मीनारायण चौधरी, खादी एवं ग्रामोद्योग और एमएसएमई राज्यमंत्री चौधरी उदयभान सिंह व लोक निर्माण राज्यमंत्री चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय हैं।
जातीय समीकरण सधेगा: सूत्रों का कहना है कि चुनाव को निकट देखते हुए किसी को नाराज न करने की सोच से यदि इन्हें मंत्रिमंडल से नहीं भी हटाया जाता है तो अगले विधानसभा चुनाव में इन्हें टिकट न दिया जाए। विवादों में रहे कुछ मंत्रियों को भी बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है। अभी खाली पड़ी मंत्रिमंडल की सात सीटों के गणित का अनुमान सहज है। इनमें राजभर, निषाद और ब्राह्मण के साथ किसी क्षत्रिय को मौका दिया जा सकता है। केंद्रीय मंत्रिमंडल में निषाद पार्टी के प्रवीण निषाद को शामिल किया जाना लगभग तय माना जा रहा था। सहयोगी दल को संतुष्ट करने के लिए भाजपा प्रवीण के पिता संजय निषाद को विधान परिषद सदस्य बनाकर मंत्री बना सकती है। इसी तरह किसी प्रभावशाली राजभर नेता को भी मंत्री बनाया जा सकता है।
कैबिनेट शामिल हो सकती है महिला: कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए जितिन प्रसाद को विधान परिषद में भेजकर मंत्री पद दिए जाने की चर्चा है। कोरोना से दिवंगत कमलरानी वरुण के बाद से योगी आदित्यनाथ कैबिनेट में कोई महिला मंत्री नहीं है। इसे देखते हुए जातीय-क्षेत्रीय समीकरण के अनुसार किसी महिला को कैबिनेट मंत्री बनाया जा सकता है।

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