प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा, “वे (आतंकवादी) कायरों की तरह छिपकर आए थे, लेकिन भूल गए कि उन्होंने जिसे ललकारा है वह हिंद की सेना है। आपने उन्हें सामने से हमला करके मारा है। आपने आतंक के तमाम बड़े अड्डों को मिट्टी में मिला दिया।
उन्होंने कहा, “जिस पाकिस्तानी सेना के भरोसे ये आतंकी बैठे थे, भारत की सेना, वायुसेना और नौसेना ने उस पाकिस्तानी सेना को भी धूल चटा दी। आपने पाकिस्तानी फौज को भी बता दिया है कि पाकिस्तान में ऐसा कोई ठिकाना नहीं है, जहां बैठकर आतंकवादी चैन की सांस ले सकें।
उन्होंने कहा, “भारत बुद्ध की भी धरती है और गुरु गोबिंद सिंह जी की भी धरती है। गुरु गोबिंद सिंह जी ने कहा था – ‘सवा लाख से एक लड़ाऊं, चिड़ियन ते मैं बाज तुड़ाऊं, तबै गुरु गोबिंद सिंह नाम कहाऊं’। अधर्म के नाश और धर्म की स्थापना के लिए शस्त्र उठाना हमारी परंपरा है। इसीलिए जब हमारी बहन-बेटियों का सिंदूर छीना गया, तो हमने आतंकियों के फन को उनके घर में घुसकर कुचल दिया।”
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “कौशल दिखलाया चालों में, उड़ गया भयानक भालों में। निर्भीक गया वह ढालों में, सरपट दौड़ा करवालों में। ये पंक्तियां महाराणा प्रताप के प्रसिद्ध घोड़े चेतक पर लिखी गई थीं। लेकिन ये पंक्तियां आज के आधुनिक भारतीय हथियारों पर भी फिट बैठती हैं।”
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