अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत देशभर में रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास का काम तेजी से आगे बढ़ रहा है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शुक्रवार (5 दिसंबर) को संसद को सूचित किया कि वित्त वर्ष 2025–26 के लिए तय कुल बजटीय आवंटन ₹12,118 करोड़ में से ₹7,253 करोड़ की राशि अक्टूबर तक खर्च की जा चुकी है। रेल मंत्री ने यह जानकारी राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।
मंत्री ने बताया कि इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत अब तक 1,337 स्टेशनों को पुनर्विकास के लिए चिन्हित किया गया है, जिनमें से 155 स्टेशन पूरी तरह विकसित किए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि तिरुपति, यशवंतपुर, रामेश्वरम और दिल्ली के सफदरजंग स्टेशन जैसे प्रमुख स्टेशनों पर काम “अच्छी गति” से प्रगति पर है।
वैष्णव के अनुसार, “अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत स्टेशन विकास परियोजनाएँ मुख्य रूप से बजटीय सहायता से तैयार की जाती हैं। हालांकि, 15 स्टेशनों की पहचान पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल के तहत विकास की संभावनाओं के लिए की गई है। इनसे मिलने वाले अनुभव के आधार पर योजना को और विकसित किया जाएगा।”
उन्होंने स्पष्ट किया कि स्टेशनों का स्वामित्व और संचालन संबंधी गतिविधियाँ भारतीय रेलवे के पास ही रहेंगी। लेकिन कुछ बड़े स्टेशनों पर आवश्यकतानुसार विशिष्ट गतिविधियाँ या गतिविधियों के समूह एक निश्चित अवधि के लिए बाहरी एजेंसियों को सौंपे जा सकते हैं। हर स्टेशन की जरूरत और मांग को देखते हुए अनुबंध की शर्तें तय की जाएंगी।
मंत्री ने कहा कि यह योजना लंबी अवधि को ध्यान में रखते हुए तैयार की गई है। इसके तहत मास्टर प्लान बनाया जाता है और चरणबद्ध तरीके से स्टेशनों का विकास किया जाता है। इसमें स्टेशन तक पहुँच में सुधार, दोनों ओर के शहर हिस्सों के बीच बेहतर एकीकरण, स्टेशन भवनों के उन्नयन, प्रतीक्षालयों, शौचालयों, बैठने की व्यवस्था और पानी के बूथों में सुधार शामिल है।
पुनर्विकास में यात्रियों की संख्या के अनुरूप चौड़े फुटओवर ब्रिज या एयर कंकॉर्स, लिफ्ट, एस्केलेटर, रैंप, प्लेटफॉर्म सुधार, प्लेटफॉर्म कवर और ‘वन स्टेशन वन प्रोडक्ट’ जैसे कार्यक्रमों के तहत स्थानीय उत्पादों के लिए कियोस्क की व्यवस्था भी की जा रही है।
इसके अलावा पार्किंग एरिया का निर्माण, मल्टीमॉडल इंटीग्रेशन, दिव्यांगजनों के लिए सुविधाएँ, उन्नत सूचना प्रणाली, एग्जीक्यूटिव लाउंज, बिज़नेस मीटिंग स्पेस और स्टेशन परिसर की लैंडस्केपिंग जैसी सुविधाएँ भी जोड़ी जा रही हैं। योजना में सतत और पर्यावरण-अनुकूल समाधान, बैलस्टलेस ट्रैक और दीर्घावधि में स्टेशन को एक “सिटी सेंटर” के रूप में विकसित करने का लक्ष्य भी शामिल है।
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