भारतीय संस्कृति में बरगद का पेड़ (वटवृक्ष) न सिर्फ आस्था और परंपरा से जुड़ा है, बल्कि यह औषधीय गुणों से भी भरपूर माना जाता है। आयुर्वेद में इसकी जड़, छाल, पत्ते और दूधिया रस का इस्तेमाल कई बीमारियों के इलाज में किया जाता है। विशेषज्ञों का कहना है कि खासतौर पर सुबह खाली पेट बरगद के नरम पत्तों का सेवन शरीर को कई स्वास्थ्य लाभ पहुंचाता है।
बरगद के पत्तों के फायदे
- डायबिटीज कंट्रोल करने में सहायक
बरगद के पत्तों में मौजूद प्राकृतिक तत्व ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। सुबह 2-3 पत्ते चबाने या उनका रस पीने से इंसुलिन का स्तर संतुलित रहता है और शुगर स्पाइक्स कम होते हैं। - पाचन तंत्र मजबूत बनाता है
खाली पेट पत्तों का सेवन करने से पेट में गैस, अपच और एसिडिटी की समस्या दूर होती है। इसमें मौजूद फाइबर कब्ज से राहत देकर पाचन क्रिया को दुरुस्त रखता है। - महिलाओं की समस्याओं में लाभकारी
आयुर्वेद के अनुसार, बरगद के पत्ते और दूधिया रस पीरियड्स की अनियमितता को ठीक करने और प्रजनन क्षमता को बढ़ाने में सहायक हो सकते हैं। - हड्डियों और जोड़ों के दर्द में राहत
बरगद के पत्तों में मौजूद पोषक तत्व हड्डियों को मजबूत बनाते हैं। नियमित सेवन गठिया और जोड़ों के दर्द से राहत पहुंचा सकता है। - त्वचा रोगों से बचाव
इनका रस शरीर को डिटॉक्स करता है, जिससे दाग-धब्बे, मुंहासे और फुंसियां कम होती हैं। यह खून को शुद्ध करके त्वचा को ग्लोइंग बनाता है। - इम्यूनिटी बढ़ाता है
बरगद के पत्तों में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल गुण पाए जाते हैं। यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करते हैं और संक्रमण से बचाव करते हैं।
सुबह खाली पेट 2-3 नरम पत्ते धोकर चबाएं। चाहें तो पत्तों का रस गुनगुने पानी में मिलाकर पी सकते हैं। 15-20 दिन नियमित सेवन से अच्छे परिणाम मिल सकते हैं।
गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाएं बिना डॉक्टर की सलाह के इसका सेवन न करें। गंभीर बीमारियों से जूझ रहे मरीज आयुर्वेदिक एक्सपर्ट से परामर्श लें। जरूरत से ज्यादा सेवन से नुकसान भी हो सकता है। आयुर्वेद में बरगद के पत्तों को प्राकृतिक औषधि माना गया है। हालांकि, सेवन हमेशा सीमित मात्रा में और विशेषज्ञ की सलाह के बाद ही करना चाहिए।
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