आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में जब तनाव, थकान और अनियमित दिनचर्या आम हो चुकी है, ऐसे समय में शरीर को संपूर्ण पोषण देना एक बड़ी चुनौती बन गया है। ऐसे में चिया सीड (Chia Seeds) एक ऐसा प्राकृतिक सुपरफूड है जो न केवल हमारी शारीरिक ताकत बढ़ाता है, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य, पाचन, त्वचा और हड्डियों की सेहत के लिए भी बेहद फायदेमंद है। अमेरिका की नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अनुसार, चिया बीज का वैज्ञानिक नाम Salvia Hispanica है और यह मुख्य रूप से सफेद या काले रंग के छोटे बीज होते हैं, जो पोषण का पावरहाउस माने जाते हैं।
इन बीजों में प्रोटीन, फाइबर, विटामिन A, B1, B2, B3, ओमेगा-3 फैटी एसिड, कैल्शियम, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस, आयरन और शक्तिशाली एंटीऑक्सिडेंट्स पाए जाते हैं। ओमेगा-3 फैटी एसिड खासतौर पर मस्तिष्क की कार्यक्षमता को बढ़ाते हैं, याददाश्त मजबूत करते हैं और दिल को हेल्दी रखते हैं। यही नहीं, डायटरी फाइबर पाचन तंत्र को सक्रिय बनाए रखता है और कब्ज से राहत देता है।
चिया सीड की एक खास विशेषता यह है कि यह ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करता है, जिससे डायबिटीज के रोगियों के लिए यह एक आदर्श खाद्य तत्व बन जाता है। इसके अलावा, इनमें मौजूद फास्फोरस और कैल्शियम हड्डियों की मजबूती में मदद करते हैं और ऑस्टियोपोरोसिस जैसी बीमारियों से रक्षा करते हैं।
जो लोग वज़न कम करना चाहते हैं, उनके लिए चिया सीड किसी वरदान से कम नहीं है। पानी में भीगने के बाद यह बीज पेट में जाकर फैलते हैं, जिससे पेट भरा हुआ महसूस होता है और अनावश्यक भूख कम लगती है। इससे ओवरईटिंग रोकी जा सकती है, जो वजन नियंत्रित करने में मददगार होती है।
त्वचा और बालों के लिए भी चिया सीड अत्यंत लाभकारी है। इनमें मौजूद विटामिन्स और मिनरल्स त्वचा को ग्लोइंग और बालों को मजबूत व घना बनाते हैं। साथ ही, इन बीजों में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट्स शरीर से फ्री रेडिकल्स को बाहर निकालते हैं, जिससे समय से पहले उम्र बढ़ने की प्रक्रिया धीमी होती है।
दिलचस्प बात यह है कि चिया सीड कैंसर से लड़ने की क्षमता भी रखता है। खासकर कोलन कैंसर और स्तन कैंसर जैसी बीमारियों में इससे बचाव हो सकता है, क्योंकि यह कोशिकाओं की मरम्मत में सहायक तत्वों से भरपूर होता है।
हालांकि, अमेरिकी डाइटरी गाइडलाइंस के अनुसार, प्रतिदिन 48 ग्राम से अधिक चिया सीड का सेवन नहीं करना चाहिए। अधिक सेवन से गैस, पेट फूलना या अपच जैसी समस्याएं हो सकती हैं। लेकिन अगर इसे संतुलित मात्रा में रोजाना के भोजन में शामिल किया जाए, जैसे स्मूदी, दही, दलिया या पानी में भिगोकर खाएं तो यह आपके संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए अमूल्य सहयोगी सिद्ध हो सकता है।
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