गणपति बाप्पा के पसंदीदा फूल का रहस्य, इन बीमारियों में कारगर औषधि है गुड़हल!

सौंदर्य, श्रद्धा और सेहत का संगम—गुड़हल फूल के चमत्कारी औषधीय गुणों से जानिए कैसे मिलता है बालों, त्वचा, नींद और पाचन से जुड़ी समस्याओं में आराम

गणपति बाप्पा के पसंदीदा फूल का रहस्य, इन बीमारियों में कारगर औषधि है गुड़हल!

The secret of Ganpati Bappa's favorite flower, Hibiscus is an effective medicine for these diseases!

चटख लाल, गुलाबी, सफेद, पीले और नारंगी रंगों में खिलने वाला गुड़हल न केवल भगवान गणेश का प्रिय पुष्प है, बल्कि आयुर्वेद में इसे औषधीय गुणों से भरपूर एक महत्वपूर्ण पौधा माना गया है। पंजाब स्थित बाबे के आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल के वरिष्ठ आयुर्वेदाचार्य डॉ. प्रमोद आनंद तिवारी बताते हैं कि आयुर्वेद में गुड़हल को जपा नाम से जाना जाता है। उनके अनुसार, गुड़हल के फूल, पत्ते और जड़ें अनेक प्रकार की शारीरिक समस्याओं के लिए लाभकारी होती हैं।

गुड़हल के फूल बालों की सेहत के लिए विशेष रूप से फायदेमंद हैं। फूलों की लुगदी बनाकर सिर पर लगाने से डैंड्रफ की समस्या दूर होती है और बालों में चमक आती है। अगर इसे आंवला चूर्ण में मिलाकर लगाया जाए तो यह बालों को समय से पहले सफेद होने से बचाता है। अनिद्रा की समस्या से जूझ रहे लोगों के लिए गुड़हल का शर्बत अमृत तुल्य माना गया है। ताजे फूलों को मिश्री के साथ मिलाकर बनाए गए शर्बत का सेवन रात को करने से नींद बेहतर होती है और दिमाग को शांति मिलती है।

महिलाओं के लिए भी गुड़हल अत्यंत लाभकारी है। ल्यूकोरिया जैसी समस्याओं में इसकी कली को पीसकर पीने से राहत मिलती है। वहीं, इसके फूलों का चूर्ण दूध के साथ नियमित रूप से सुबह-शाम सेवन करने से खून की कमी दूर होती है और रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है। मासिक धर्म से जुड़ी परेशानियों में भी गुड़हल का सेवन फायदेमंद है।

गुड़हल की जड़ें मुंह के छालों के लिए बेहद प्रभावी मानी जाती हैं। इन्हें साफ कर छोटे टुकड़ों में काटकर पान की तरह चबाने से छालों में तुरंत राहत मिलती है। इसके फूलों का सेवन कब्ज की समस्या को भी दूर करता है। तेज बुखार या सर्दी-खांसी में गुड़हल के पत्तों से बना काढ़ा लाभकारी सिद्ध होता है। यह न केवल शरीर का तापमान नियंत्रित करता है, बल्कि संक्रमण से लड़ने में भी मदद करता है।

आयुर्वेदाचार्य बताते हैं कि गुड़हल का नियमित और संतुलित सेवन हृदय रोगों की रोकथाम और इलाज में भी उपयोगी होता है। यह हृदय की मांसपेशियों को मज़बूत करता है और रक्त संचार को बेहतर बनाता है। कुल मिलाकर, यह कहा जा सकता है कि गणपति बाप्पा का प्रिय यह फूल न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि सेहत के लिए एक बहुउपयोगी प्राकृतिक औषधि भी है।

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