ठाणे मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण (एमएसीटी) ने बृहन्मुंबई विद्युत आपूर्ति एवं परिवहन उपक्रम (बेस्ट) को 2017 में एक सड़क हादसे में बेस्ट बस की चपेट में आकर जान गंवाने वाले 20 वर्षीय व्यक्ति के परिवार को 13.21 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया है। पारित आदेश में एमएसीटी के सदस्य एमएम वलीमोहम्मद ने बेस्ट को दावा दायर करने की तारीख से सात प्रतिशत सालाना ब्याज दर के साथ दो महीने के भीतर दावेदारों को भुगतान करने का आदेश दिया।
न्यायाधिकरण ने स्पष्ट किया कि आदेश के पालन में विफल रहने पर उसे दावेदारों को भुगतान किए जाने की अवधि तक आठ प्रतिशत की दर से ब्याज देना होगा। दावेदारों में पीड़ित की मां मीना वसंत पाटिल (51) और भाई विवेक वसंत पाटिल (30) शामिल हैं। दोनों महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले की पनवेल तहसील में स्थित अदाई गांव के निवासी हैं।
उनके वकील संबाजी टी कदम ने न्यायाधिकरण को बताया कि 19 दिसंबर 2017 को मृतक नीरज वसंत पाटिल मोटरसाइकिल से नवी मुंबई के सीवुड्स की ओर जा रहा था, तभी सीवुड्स की ओर से आ रही बेस्ट बस अचानक मुड़ी, जिससे पाटिल ने अपनी मोटरसाइकिल पर नियंत्रण खो दिया और मोटसाइकिल बस से टकरा गई। उन्होंने बताया कि बस की टक्कर से पीड़ित गंभीर रूप से घायल हो गया और बाद में उसकी मृत्यु हो गई।
वकील ने न्यायाधिकरण को यह भी बताया कि पाटिल एक जल आपूर्ति एजेंसी में अनुबंध कर्मचारी के रूप में काम करता था और प्रति माह 12,000 रुपये कमाता था। पाटिल के परिजनों ने दावा दायर किया और कहा कि पाटिल की मृत्यु के बाद उन्हें संपत्ति, प्रियजन और उसके स्नेह का नुकसान हुआ है। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद एमएसीटी ने माना कि ममाले में गलती बेस्ट ड्राइवर की थी और उपक्रम को मुआवजे का भुगतान करने का आदेश दिया।
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