मुंबई। वैचारिक मतभेद और निजी संबंध तो अलग चीज़े है पर विपक्षी नेताओं की मुलाकात के बाद राजनीतिक कयासबाजी आम है। शायद इसी लिए एनसीपी प्रवक्ता नवाब मलिक को विपक्ष के नेता देवेन्द्र फडणवीस और एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार के बीच सोमवार को हुई मुलाकात को लेकर मंगलवार को सफाई देनी पड़ी है। एनसीपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री नवाब मलिक ने कहा है कि विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने सोमवार को राकांपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद पवार से उनके स्वास्थ्य का हाल जानने के लिए शिष्टाचार भेंट की थी। मलिक ने कहा कि सर्जरी के बाद शरद पवार अस्पताल में थे और इन दिनों डॉक्टर की सलाह पर घर पर आराम कर रहे थे। इस दौरान कई लोग उनके स्वास्थ्य की जानकारी लेने घर पहुंचे।
फडणवीस ने भी इस मुलाकात को सदिच्छा भेंट बताई है। एनसीपी प्रवक्ता ने कहा कि महाराष्ट्र की परंपरा है कि सत्ता पक्ष और विपक्ष दुश्मन की तरह काम नहीं करते। यहां व्यक्तिगत संबंध बनाए जाते हैं और व्यक्तिगत मुलाकातें होती रहती हैं। मलिक ने कहा कि इस मुलाकात का कोई राजनीति मायने निकालना गलत होगा। विपक्ष का काम विपक्ष कर रहा है जबकि सत्ता पक्ष का काम सत्ताधारी पार्टी कर रही है। महाविकास अघाड़ी का गठन शरद पवार ने किया है। इसलिए किसी को भी इस मुलाकात की गलत व्याख्या नहीं करनी चाहिए। विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने भी कहा कि यह एक सद्भावना भेंट थी।
इसलिए गरम है चर्चा
बता दे कि 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजप के सबसे ज्यादा सीटें जीतन और गठबंधन सहयोगी शिवसेना के पाला बदलने के बाद शरद पवार भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाने को तैयार हुई थी पर बाद में उन्होंने भाजपा कप धोखा देकर शिवसेना-कांग्रेस से हाथ मिला लिया था। महाराष्ट्र की राजनीति में पावर बेहद अविश्वसनीय नेता माने जाते हैं। इस लिए उनकी फडणवीस से मुलाकात के राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं।