अलीबाग पुलिस ने जिला सर्जन के लिपिक को 21 हजार रुपये रंगदारी मांगने के आरोप में गिरफ्तार किया है| गिरफ्तार लिपिक की पहचान प्रदीप ढोबल के रूप में हुई है|पुलिस अधीक्षक सोमनाथ घार्गे ने बताया है कि महिला पुलिस अभ्यर्थियों से मेडिकल सर्टिफिकेट उपलब्ध कराने के लिए यह रंगदारी मांगी गई थी| पुलिस अब मामले में जिला सर्जन और अन्य चिकित्सा अधिकारियों की संलिप्तता की जांच कर रही है।
इसलिए उन्हें डर था कि ये महिलाएं भर्ती के लिए अपात्र होंगी। इसके बाद इन महिला अभ्यर्थियों को मेडिकल सर्टिफिकेट देने के लिए धमकाया गया और 1500 रुपये वसूले गए। 21 हजार 500 रुपये जिला शल्य चिकित्सक कार्यालय के प्रदीप धोबल ने रंगदारी के रूप में स्वीकार किये थे| खबर मिलते ही पुलिस ने पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है। इस मामले में जांच में तथ्य पाये जाने पर अलीबाग पोलिल ठाणे में भारतीय दंड संहिता की धारा 384 के तहत मामला दर्ज किया गया है|
पुलिस अधीक्षक सोमनाथ घार्गे ने कहा कि सहायक पुलिस निरीक्षक दत्तात्रेय जाधव मामले की आगे की जांच कर रहे हैं। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह भी स्पष्ट किया है कि वह इस पूरे मामले की जड़ तक जाएंगे। इस अवसर पर अपर पुलिस अधीक्षक अतुल झेंडे एवं स्थानीय अपराध अन्वेषण विभाग के पुलिस निरीक्षक दयानंद गावडे उपस्थित थे| इस बीच पुलिस की इस कार्रवाई से जिला अस्पताल में भ्रष्टाचार की पोल खुल गई है। वहीं, भ्रष्टाचार निरोधक विभाग के कामकाज में गड़बड़ी सामने आई है।
भर्ती परियोजना पीड़ितों की जांच शुरू गढ़चिरौली में पुलिस भर्ती के दौरान एक मामला सामने आया कि एक ने फर्जी परियोजना पीड़ित प्रमाण पत्र लाकर भर्ती में भाग लिया था| इसमें रायगढ़ जिले के रहने वाले एक पुलिसकर्मी को गिरफ्तार किया गया था। जांच के दौरान पाया गया कि भर्ती के समय उनके द्वारा दिया गया प्रोजेक्ट विक्टिम सर्टिफिकेट फर्जी था। इसके बाद कर्मचारी को सस्पेंड कर दिया गया है। अब इस बार भी मामला सामने आया है कि जिले में पुलिस भर्ती के लिए 35 अभ्यर्थियों का चयन हुआ है| इसलिए पुलिस अधीक्षक घाड़गे ने स्पष्ट किया है कि इन सभी अभ्यर्थियों के परियोजना प्रभावित दस्तावेजों की गांव में जाकर जांच की जाएगी|
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