मुंबई। मराठा आरक्षण के साथ-साथ अब ओबीसी आरक्षण को लेकर भी महाराष्ट्र की राजनीति गरमाने वाली है। अखिल भारतीय समता परिषद की नासिक इकाई ने अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए आरक्षण में पारदर्शिता की मांग और समुदाय के अन्य मुद्दों को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ गुरुवार से धरना-प्रदर्शन शुरू करने की घोषणा की है।
सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार द्वारा शीर्ष अदालत के उस निर्णय पर दायर पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें अदालत ने स्पष्ट किया था कि ओबीसी को मिलने वाला आरक्षण स्थानीय निकायों में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं ओबीसी के लिए आरक्षित सीटों के 50 फीसदी से अधिक नहीं हो सकता।
इसी के मद्देनजर संगठन ने विरोध जताने का निर्णय लिया है। संगठन ने कहा कि वह नासिक में गुरुवार से ‘ओबीसी आरक्षण बचाओ आक्रोश मोर्चा’ के तहत धरना देंगे और इस बारे में निर्णय मंगलवार को एक बैठक के दौरान लिया गया। परिषद के संभागीय अध्यक्ष बालासाहेब करदक ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के चलते राज्य की 27 नगर निगमों की 2,736 सीटों में से 740 कम हो जाएंगी। इसी तरह, अन्य नगर निकायों में भी ओबीसी सीटें कम होंगी। दूसरी और भाजपा ने इसके लिए राज्य की महा विकास आघाडी सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। विधान परिषद में विपक्ष के नेता प्रविण दरेकर ने कहा कि ओबीसी आरक्षण के लिए आंदोलन का एलान करने वाले छगन भुजबल मंत्री पद छोड़ने का साहस दिखाएंगे क्या।