मनी लांड्रिंग और भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार पूर्व गृह मंत्री व एनसीपी नेता अनिल देशमुख को जमानत नहीं मिल सकी है। देशमुख पिछले सात महीनों से जेल में बंद हैं। सोमवार को सीबीआई कोर्ट ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता व भ्रष्टाचार से जुड़े मामले में आरोपी अनिल देशमुख को जमानत देने से किया इंकार। कोर्ट ने देशमुख के सहयोगी संजीव पलांडे व कुंदन शिंदे के जमानत आवेदन को भी खारिज कर दिया है।
सीबीआई ने इस मामले को लेकर पिछले दिनों जांच के बाद देशमुख के खिलाफ कोर्ट में 59 पन्नों का आरोपपत्र दायर किया था। देशमुख ने जमानत आवेदन में दावा किया है कि सीबीआई ने उनके खिलाफ दो जून 2022 को अधूरा आरोपपत्र दायर किया है। देशमुख फिलहाल भ्रष्टाचार व मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में न्यायिक हिरासत में है और मुंबई की आर्थर रोड जेल में बंद है। सुनवाई के दौरान सीबीआई ने देशमुख को इस मामले में जमानत देने का विरोध किया था। जमानत आवेदन में देशमुख ने कहा था कि सिर्फ 59 पन्ने संकलित करके दायर किए गए दस्तावेजों को आरोपपत्र की संज्ञा नहीं दी जा सकती है।
इसके अलावा मौजूदा आरोपपत्र मेरे खिलाफ जांच को पूरा किए बिना दी दायर कर दिया गया है। ऐसे में यह नहीं कहा जा सकता है कि सीबीआई ने मेरे खिलाफ(देशमुख) पूरा आरोपपत्र दायर किया है। लिहाजा मुझे आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 173 में किए गए डिफाल्ट जमानत पाने के अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता है। पूर्व मुंबई पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने राज्य के पूर्व गृहमंत्री देशमुख पर सौ करोड़ रुपए की वसूली के आरोपों का खुलासा का था।
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