मुंबई। महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख के नागपुर सहित तीन ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को छापामारी की। यह कार्रवाई मनी लांड्रिंग मामले में की गई। बता दें कि अनिल देशमुख पर आरोप है कि सचिन वाजे से मुंबई के होटलों और रेस्तरां से प्रति माह 100 करोड़ रुपए वसूलने के लिए कहा था। इस मामले में अब तक अनिल देशमुख और उनके परिवार के लोगों की 4.2 करोड़ की संपत्ति अस्थाई रूप से कुर्क की जा चुकी है।
इससे पहले 30 जुलाई को जस्टिस एएम खानविलकर कृष्ण मुरारी और वी रामसुब्रमण्यम की तीन न्यायाधीशों की बेंच ने उन्हें गिरफ्तारी से अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया था। ईडी के मामले को रद्द करने की मांग करते हुए देशमुख ने कहा था कि उनके खिलाफ कार्यवाही “दुर्भावनापूर्ण” है। इसके अलावा, उन्होंने इस आधार पर राहत मांगी कि वर एक ‘सेप्टुजेनेरियन’ है जो उम्र से संबंधित बीमारियों से पीड़ित हैं।
उन्हें उच्च रक्तचाप और हृदय संबंधी समस्याएं भी हैं। ईडी पहले ही पीएमएलए के तहत महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री और उनके परिवार के सदस्यों की 4.2 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति को अस्थायी रूप से कुर्क कर चुका है। यह विवाद 20 फरवरी को तब सामने आया जब मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परम बीर सिंह ने अनिल देशमुख के खिलाफ गंभीर ‘जबरन वसूली’ के आरोप लगाए। महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे को संबोधित एक पत्र में सिंह ने देशमुख की इस टिप्पणी का खंडन किया कि उनका स्थानांतरण एंटीलिया बम घोटाला मामले में गंभीर चूक के कारण हुआ था।