गलगली का सवाल,कोरोना शवों के लिए क्यों मांगे जा रहे पुलिस एनओसी?

गलगली का सवाल,कोरोना शवों के लिए क्यों मांगे जा रहे पुलिस एनओसी?

मुंबई - कोरोना शवो के लिए क्यों मांगे जा रहे पुलिस एनओसी?

मुंबई। कोविड 19 शवों के लिए पुलिस की अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) की मांग न किये जाने के मुंबई मनपा के सर्कुलर के बावजूद कुछ अस्पताल अभी भी एनओसी की मांग कर रहे हैं। कोविड के शवों को रिश्तेदारों को सौंपने के लिए रद्द की गई पुलिस की एनओसी लाने के लिए अस्पताल के मनपा अधिकारी दबाव बना रहे है। इसे लेकर आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और मनपा आयुक्त के पास लिखित शिकायत दर्ज कराई है। आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और मनपा आयुक्त को भेजे हुए लिखित शिकायत में कहा है कि 3 अगस्त 2020 को बीएमसी की कार्यकारी स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मंगला गोमरे ने अतिरिक्त आयुक्त की अनुमति से एक सर्कुलर जारी कर कोविड के शवों को दाह संस्कार के लिए ले जाते समय पुलिस से एनओसी नहीं मांगे जाने का निर्देश दिया था। इससे पहले, शवों को पुलिस एनओसी के सौंपा नहीं जाता था।

इससे शवों को अस्पताल से कब्रिस्तान तक ले जाने में समय लगता था। अनिल गलगली ने आरोप लगाया है कि जहां सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग का सर्कुलर स्व-व्याख्यात्मक था, वहीं बीकेसी, सायन और टाटा अस्पतालों में पुलिस की अनापत्ति प्रमाण पत्र लाने के लिए बाध्य किया जा रहा है। जोगेश्वरी के 65 वर्षीय वरिष्ठ नागरिक उबदुल्लाह की बुधवार, 2 अगस्त को सायन अस्पताल में मौत हो गई, लेकिन उनका शव उनके बेटे मुसवीर को पहले नहीं सौंपा गया। उनसे पुलिस एनओसी मांगी जा रही थी। कोविड के मृतकों को दफनाने की पहल करने वाले इकबाल ममदानी ने अनिल गलगली को इस तरह की रुकावट की जानकारी दी। गलगली ने जहां घटना की जानकारी मनपा उपायुक्त देवीदास क्षीरसागर को दी। इसके बाद उन्होंने सायन अस्पताल के अधीक्षक डॉ. मोहन जोशी को निर्देश जारी किए। इसके बाद बिना पुलिस अनापत्ति प्रमाण पत्र के शव उनके बेटे मुसवीर को सौपा गया।

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