महाराष्ट्र में अभी राकांपा अध्यक्ष शरद पवार की मौन सहमति से सरकार समर्थित आतंकवाद चल रहा है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के उन्मादी कार्यकर्ताओं द्वारा पुलिस को ठेंगे पर रखकर शुरू की गई गुंडागर्दी के कारण शांति से जीने वाली जनता के अधिकारों पर संकट आ गया है। प्रदेश भाजपा के मुख्य प्रवक्ता केशव उपाध्ये ने मंगलवार को यह बात कही। भाजपा प्रदेश कार्यालय पत्रकार परिषद को संबोधित करते हुए प्रदेश भाजपा के मुख्य प्रवक्ता ने कहा कि अंदरूनी सत्ता संघर्ष से आई निराशा के चलते राष्ट्रवादी कांग्रेस के कार्यकर्ताओं द्वारा कानून हाथ में लेकर चलाई जा रही धमकी और आतंकवाद को तत्काल रोककर कानून को उसका काम करने दें।
भाजपा नेता ने कहा कि गुंडागर्दी और आतंकवाद फैलानेवाले कार्यकर्ताओं को सुरक्षा देने का आदेश राज्य के गृह विभाग से पुलिस को मिलने से पुलिस का हाथ बंधा हुआ है। संयम की राजनीति करनेवाले शरद पवार का मौन उनके कार्यकर्ताओं को प्रोत्साहन दे रहे हैं, ऐसी शंका उन्होंने व्यक्त की। उपाध्ये ने कहा कि आघाडी सरकार के सत्ता में आने के बाद से सत्ताधारियों के प्रोत्साहन से स्थान-स्थान पर कानून हाथ में लेकर आतंक फैलाने का काम शुरू है। सरकार की ओर से ही ऐसे प्रकरणों में अपराधियों को सुरक्षा मिलने से आम जनता में शांति से जीने के अधिकार समाप्त होने आ गया है।
सत्ता पक्ष द्वारा प्रायोजित आतंकवाद ने राज्य में अशांति पैदा कर दी है और सत्ता पक्ष ने विपक्ष को आतंकित करने के लिए एक कुटिलता भरी चाल चली है। पालघर में साधुओं का हत्याकांड, मंत्री आव्हाड के बंगले पर पुलिस के सामने करमुसे नाम के इंजीनियर की पिटाई, विधायक गोपीचंद पडलकर पर जानलेवा हमला, भाजपा प्रवक्ता विनायक आंबेकर के कार्यालय में घुसकर राकांपा कार्यकर्ताओं द्वारा की गई मारपीट, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के कार्यक्रम में घुसकर आतंक फैलाने का राष्ट्रवादी कांग्रेस के कार्यक्रताओं का प्रयास और पुलिस द्वारा गिरफ्तार करने के बाद भी एक अभिनेत्री से मारपीट करने का प्रयास यह सभी घटनाएं राष्ट्रवादी कांग्रेस द्वारा कानून हाथ में लिए जाने का सबूत है।
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि राज्य का गृह विभाग राष्ट्रवादी कांग्रेस के पास होने से दंगा करनेवाले कार्यकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई न करते हुए इस आतंकवाद के विरोध में जानेवालों पर कार्रवाई हो रही है। इस तरह से सत्ताधारियों की ओर से जानबूझकर राज्य को अस्थिर करने का प्रयास हो रहा है, ऐसी शंका मजबूत हो रही है। यह उन्होंने कहा कि अभिनेत्री केतकी चितले प्रकरण के बाद खुला पत्र जारी करके मारपीट करने, तोड़ने का आदेश दिए जाने पर भी पुलिस व सरकार द्वारा पाला गया मौन इस षड्यंत्र का सबूत है।
उपाध्ये ने कहा कि शरद पवार महाराष्ट्र के वरिष्ठ नेता हैं। उनके ऊपर व्यक्तिगत टिप्पणी करना गलत है। लेकिन क़ानूनी कार्यवाही शुरू होने पर भी मारपीट का आदेश देना व आतंक फैलाने से राज्य की कानून व्यवस्था को समाप्त करने का षड्यंत्र सबके सामने आ गया है। 25 साल तक शिवसेना का ही मुख्यमंत्री हो, उद्धव ठाकरे के इस वक्तव्य के कारण निराश होने से राष्ट्रवादी के कार्यकर्ता राज्य को ठेंगे पर रख रहे हों तो पवार द्वारा इसपर रोक लगाने की अपील करनी चाहिए। खैरनार जैसे अधिकारी द्वारा छवि ख़राब करने की मुहिम चलाने के बावजूद विचलित न होते हुए शांत रहनेवाले
पवार पर एक अभिनेत्री द्वारा की गई टिप्पणी से राज्य की कानून व्यवस्था को ठेंगे पर रखने का काम इसी निराशा की उपज है। श्री उपाध्ये ने संदेह व्यक्त किया कि पुलिस को साथ में रखकर सुनियोजित तरीके से कार्यवाही शुरू है।
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