उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री पद के लिए हिंदुत्व का विचार छोड़कर कांग्रेस व राष्ट्रवादी कांग्रेस के विचार को स्वीकार किया। लोगों ने देखा कि उनका हिंदुत्व एक अलग ही प्रकार का है। उन्होंने मशाल लिया हो तब भी इसे पंजे ने पकड़ रखा है। राज्य में पंजे की मशाल कोई स्वीकार नही करेगा और यह मशाल जलेगी भी नहीं। यह बात भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने मंगलवार को कही।
वे भंडारा में पत्रकार परिषद को संबोधित कर रहे थे। बावनकुले ने कहा कि, उद्धव ठाकरे शिवसेना केवल कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस के आश्रय के कारण राजनीतिक दृष्टि से जिंदा है। जिस नेतृत्व ने हिंदुत्व के विचार को छोड़कर कांग्रेस व राष्ट्रवादी कांग्रेस के विचार को स्वीकार किया है, वे लोग मशाल या अन्य कोई भी चिन्ह स्वीकार करें तब भी उन्हें कोई राजनीतिक लाभ नहीं मिलेगा। मुख्यमंत्री पद हासिल करने के लिए उद्धव ठाकरे ने कांग्रेस व राष्ट्रवादी कांग्रेस के विचार को स्वीकार करके अपनी पार्टी व कार्यकर्ताओं का बहुत बड़ा नुकसान किया है।
शिवसेना पार्टी क्यों टूटी व इस पार्टी से सांसद- विधायक क्यों बाहर निकल गए इसका उद्धव ठाकरे को विचार करना चाहिए। उनकी पार्टी को संभालने की जिम्मेदारी उनकी ही है। उनकी पार्टी में चल रहे घटनाक्रम के लिए भाजपा जिम्मेदार नहीं है, ऐसा उन्होंने स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि, भारतीय जनता पार्टी का गठबंधन मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व की बालासाहेब की शिवसेना के साथ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के काम के दम पर और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे व उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में हमारे गठबंधन को आनेवाले सभी चुनावों में विजय मिलेगी।
भाजपा नेता ने कहा कि मैं प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद से ही प्रत्येक जिले का प्रवास कर रहा हूं। भंडारा, 19वां जिला है जहां मेरा प्रवास हो रहा है। राज्य के प्रत्येक जिले में हम भाजपा का संगठनात्मक प्रवास करनेवाले है। भाजपा ने राज्य में केंद्र सरकार के लाभार्थियों से संपर्क स्थापित करके ‘धन्यवाद मोदी’, ऐसे 15 लाख लाभार्थियों से हस्ताक्षरित पत्र को भेजने का उपक्रम शुरू किया है। बूथ स्तर पर पार्टी को अधिक मजबूत करने का काम शुरू है। प्रत्येक कार्यकर्ता को बीस घरों की जिम्मेदारी देकर सरकार की योजनाओं का लाभ पहुंचाने का कार्य शुरू है। साथ ही राज्य भर में विभिन्न कार्यकर्ता बड़ी संख्या में भाजपा में प्रवेश कर रहे है।
ये भी पढ़ें
धनुष-बाण’ से लेकर ‘मशाल’ तक-शिवसेना के बदलते रहे चुनाव चिह्न
अरविंद सावंत ने बालासाहेब का पुराना कार्टून ट्वीट कर किसे आगाह किया?