विधानसभा में मामला गूंजने के बाद महात्मा गांधी के खिलाफ अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल करने के आरोप में कालीचरण महाराज के खिलाफ अकोला में मामला दर्ज किया गया है। एक अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि अकोला के शिवाजी नगर निवासी कालीचरण महाराज उर्फ अभिजीत सारग ने छत्तीसगढ़ के रायपुर में एक कार्यक्रम के दौरान रविवार को यह टिप्पणी की थी। लोगों की भावनाओं को आहत करने के आरोप में स्थानीय कांग्रेस नेताओं ने सोमवार को उनके खिलाफ यहां सिटी कोतवाली थाने के बाहर धरना दिया।
कोतवाली पुलिस थाने के एक अधिकारी ने बताया कि स्थानीय कांग्रेस पदाधिकारी प्रशांत गावंडे की शिकायत के आधार पर पुलिस ने कालीचरण महाराज के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धाराओं 294 (आपत्तिजनक हरकत) और 505 (सार्वजनिक तौर पर शरारत करने वाले बयान) के तहत मामला दर्ज किया है। रविवार शाम रायपुर में दो दिवसीय ‘धर्म संसद’ (धार्मिक संसद) के समापन के दौरान, कालीचरण महाराज ने महात्मा गांधी के खिलाफ कथित तौर पर अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया था और उनके हत्यारे नाथूराम गोडसे की प्रशंसा की थी। उन्होंने लोगों से धर्म की रक्षा के लिए सरकार के मुखिया के रूप में एक कट्टर हिंदू नेता को चुनने के लिए भी कहा था।
बाद में रायपुर में उनके खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज की गई। उनकी टिप्पणियों की छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी कड़ी आलोचना की और इस मुद्दे की गूंज सोमवार को महाराष्ट्र विधानसभा में भी सुनाई दी। बघेल ने कहा था कि अगर कोई “पाखंडी” सोचता है कि वह राष्ट्रपिता को गाली देकर और समाज में जहर फैलाकर अपने इरादे में सफल हो सकता है, तो यह उसका भ्रम है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर कोई इस तरह की टिप्पणी कर लोगों को भड़काने की कोशिश करेगा तो कानून के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी।
महाराष्ट्र के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री नवाब मलिक ने राज्य विधानसभा में इस मुद्दे को उठाया था और मांग की थी कि धार्मिक नेता पर राजद्रोह का मामला दर्ज किया जाए और उन्हें गिरफ्तार किया जाए। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा, “एमवीए (महा विकास आघाडी) सरकार कालीचरण महाराज की टिप्पणियों के संबंध में रिपोर्ट मांगेगी और सख्त कार्रवाई करेगी।”
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