मुंबई। दक्षिण मुंबई के कस्तूरबा गांधी अस्पताल में 7 अगस्त को गैस रिसाव की घटना हुई थी, जिसकी सूचना पाते ही दमकल की गाड़ी ने मौके पर पहुंच 58 मरीजों को अस्पताल से सुरक्षित निकाल लिया था। घटना पर प्रारंभिक रिपोर्ट मुंबई फायर ब्रिगेड ने हाल ही में जारी की है, जिसके मुताबिक गैस रिसाव के लिए ठेकेदार जिम्मेदार है। इस ठेकेदार के खिलाफ जल्द ही कार्रवाई की जाएगी।
जांच की दो दिशाएं: इस घटना के बाद से अब अस्पताल में एलपीजी की जगह पाइप नैचुरल गैस का इस्तेमाल करने का निर्णय लिया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि रिसाव अस्पताल के एलपीजी टैंक के वाल्व में खराबी के कारण हुआ था। इसलिए अब इंजीनियरिंग विभाग घटना की तकनीकी जांच कर रहा है। इसके अलावा जांच की एक दिशा उस जेसीबी की तरफ भी है, जिसे अलगाव केंद्र बनाने के लिए परिसर में लाया गया था। आशंका है कि जाने-अनजाने में जेसीबी के प्रहार से भी ऐसा हो सकता है।
स्टैंडिंग में उठा था मुद्दा: मनपा में विपक्ष के नेता रवि राजा ने स्थायी समिति की बैठक में इस घटना का मुद्दा उठाया था। प्रशासन इस संबंध में कोई स्पष्टीकरण नहीं दे पाया था। राजा ने घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग भी की थी।
देर तक आती रही गैस की गंध: चिंचपोकली में आर्थर रोड के पास स्थित कस्तूरबा अस्पताल में एलपीजी गैस पाइपलाइन लीक हो गई थी। अस्पताल में भर्ती मरीजों को तब सतर्कता के चलते बाहर निकाला गया था। सुबह करीब साढ़े 11 बजे एलपीजी गैस रिसाव देखा गया था। उसके बाद कुछ देर तक इस इलाके में लगातार गैस की गंध आती रही। अंततः संबंधित एजेंसियों ने तुरंत दमकल को इस बाबत सूचना दी और सूचना मिलते ही दमकल की गाड़ी बिना देर किए कस्तूरबा अस्पताल के लिए रवाना हो गई थी।