मुंबई। कोरोना को लेकर शहरों में तो स्थिति थोडी ठीक है पर ग्रामीण इलाकों में लोग पूरी तरह से लापरवाह हो गए हैं। इस पर नाराजगी जताते हुए उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा कि लोगों को लग रहा है कि कोरोना चला गया है पर यह गलफहमी है। लोग ऐसी गलतफहमी से बचें अन्यथा सरकार को फिर से पांबदियों पर विचार करना पड़ेगा। अजित पवार ने शुक्रवार को पुणे में कहा कि लोग राज्य सरकार के लिए ऐसी स्थिति उत्पन्न न करें जिसमें कि उसे वैश्विक महामारी कोरोना वायरस की तीसरी लहर आने की स्थिति में सबकुछ बंद करना पड़े।
पवार ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि केरल और महाराष्ट्र में संक्रमण के सर्वाधिक मामलों के मद्देनजर केंद्र सभी राज्यों को पहले ही आगाह कर चुका है। उन्होंने कहा, ‘‘दुर्भाग्य की बात है कि ग्रामीण इलाकों में कुछ लोग बेपरवाह हो गए हैं। वे कोरोना वायरस से डर नहीं रहे। वे मास्क नहीं पहनते, सामाजिक दूरी का पालन नहीं करते और उन्होंने ऐसा मान लिया है कि वह दौर (कोरोना वायरस का) अब गुजर चुका है। इसी के कारण संक्रमण के मामलों की संख्या बढ़ी है।’’ उन्होंने अपील की, ‘‘इसे कहीं न कहीं तो रोकना होगा। लोगों को राज्य सरकार तथा प्रशासन के लिए ऐसी स्थिति पैदा नहीं करनी चाहिए जिसमें कि यदि तीसरी लहर आती है तो उन्हें सबकुछ बंद करना पड़े।’’
स्कूलों को पुन: खोले जाने के सवाल पर पवार ने कहा कि विशेषज्ञों से बातचीत चल रही है और इस बारे में निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘इस बारे में दो मत हैं। कुछ लोग कहते हैं कि स्कूलों को दीपावली के बाद खोला जाना चाहिए और कुछ कहते हैं कि ऐसे स्थानों पर स्कूल खोले जाने चाहिए जहां संक्रमण दर शून्य है। इस बारे में मुख्यमंत्री निर्णय लेंगे।’’ राज्य में मंदिर खोलने की भारतीय जनता पार्टी और महाराष्ट्र नव निर्माण सेना की मांग पर पवार ने कहा कि निकाय चुनाव करीब हैं और ऐसे में हर दल अपनी मौजूदगी का अहसास करवाना चाहता है और यही वजह है कि भावनाओं से जुड़े इस मुद्दे को उठाया जा रहा है। पुणे के संरक्षक मंत्री पवार ने जिले में कोविड-19 हालात को लेकर एक समीक्षा बैठक के बाद संवाददाताओं से बातचीत में यह कहा। उन्होंने कहा कि गणेश उत्सव का समय भी करीब आ रहा है और लोगों को बड़े पैमाने पर उत्सव मनाने से बचना चाहिए।