मुंबई। उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कोरोना वायरस महामारी की संभावित तीसरी लहर के मद्देनजर लोगों से कोविड-19 के खिलाफ अपने बचाव उपायों को कम नहीं करने की शनिवार को अपील की। पवार ने लोगों से कहा कि उन्हें वर्तमान परिदृश्य में पर्यटन स्थलों का दौरा करने से परहेज करना चाहिए, भले ही पाबंदियों में ढील दे दी गई है। उन्होंने कहा कि लोगों को तीसरी लहर के बारे में चेतावनी को गंभीरता से लेने की जरूरत है। पवार पुणे जिले में कोरोना वायरस की स्थिति की समीक्षा के लिए अधिकारियों के साथ बैठक करने के बाद यहां संवाददाताओं से बात कर रहे थे। उन्होंने यह भी कहा कि अगर लोग पर्यटन के उद्देश्य से जिले से बाहर जाना जारी रखते हैं, तो प्रशासन के पास उनके घर लौटने के बाद ऐसे लोगों पर 15 दिनों की पृथक-वास व्यवस्था लागू करने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं होगा।
पुणे शहर राज्य सरकार की अनलॉक योजना के स्तर-दो के अंतर्गत है। पवार ने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों की संख्या में कमी आ रही है, लेकिन एहतियात के तौर पर यह निर्णय लिया गया है कि गैर-आवश्यक श्रेणी की सभी दुकानें, मॉल, होटल और रेस्तरां सप्ताहांत पर बंद रहेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘यह व्यवस्था अगले शनिवार और रविवार तक जारी रहेगी। उसके बाद अगर स्थिति में और सुधार होता है तो समीक्षा के बाद सप्ताहांत की पाबंदियां हटाने के संबंध में फैसला लिया जाएगा।’’ उपमुख्यमंत्री ने कहा कि बैठक के दौरान, पुलिस अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों ने सप्ताहांत में बड़ी संख्या में लोगों के महाबलेश्वर, लोनावाला और अन्य पर्यटन स्थलों की ओर जाने पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे समझ में नहीं आता कि लोग ऐसा क्यों कर रहे हैं। कोविड-19 संक्रमण को गंभीरता से लेने की आवश्यकता है। बहुत से लोग राज्य से बाहर पर्यटन स्थलों पर जाने लगे हैं, कुछ लोग ट्रैकिंग के लिए जाते हैं। यदि यह जारी रहा, तो जिले से बाहर जाने वाले लोगों को वापस आने पर 15 दिनों के लिए पृथक-वास में भेजने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं होगा। हमें इस तरह के आदेश जारी करने पड़ सकते हैं।’’
महामारी की संभावित तीसरी लहर पर पवार ने कहा कि यह अमेरिका, ब्रिटेन और अफ्रीका में आने के करीब है। उन्होंने कहा कि अमेरिका और ब्रिटेन में बड़े पैमाने पर टीकाकरण के बावजूद तीसरी लहर का खतरा अभी भी बना हुआ है। उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए, हमें तीसरी लहर (चेतावनी) को बहुत गंभीरता से लेने की जरूरत है क्योंकि लोगों का स्वास्थ्य सर्वोपरि है।’’ पवार ने यह भी कहा कि जो छात्र विदेश जाना चाहते हैं, वे दोनों खुराक एक ही टीका निर्माता से लें। उन्होंने कहा, ‘‘कई देश विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा अनुमोदित टीकों को पसंद कर रहे हैं। जबकि कोविशील्ड को डब्ल्यूएचओ द्वारा अनुमोदित किया गया है, कोवैक्सीन को अभी तक इसकी मंजूरी नहीं मिली है। कई छात्र, जिन्हें पहले से ही कोवैक्सीन की खुराक मिल चुकी है, पूछताछ कर रहे हैं कि उन्हें अलग टीके-कोविशील्ड की दूसरी खुराक कहां मिल सकती है क्योंकि यह डब्ल्यूएचओ द्वारा अनुमोदित है और कई देश इसे पसंद करते हैं।
हमारा जवाब नहीं है, क्योंकि विशेषज्ञों द्वारा इसकी सलाह नहीं दी गई है।’’ पवार ने दावा किया कि पुणे जिले की पुरंदर तहसील में बहिरवाड़ी 100 प्रतिशत टीकाकरण पूरा करने वाला देश का पहला गांव बन गया है। उन्होंने दूसरी लहर के दौरान हुई कोविड-19 मौतों पर पिंपरी चिंचवाड़ नगर निगम (पीसीएमसी) द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा, ‘‘रिपोर्ट के अनुसार, दूसरी लहर में पिंपरी चिचवाड़ के चार प्रमुख अस्पतालों में हुई कुल मौतों में से 53 प्रतिशत मृतक 60 वर्ष से कम आयु के थे, जबकि 20 प्रतिशत 21 से 45 आयु वर्ग के थे।’’ उन्होंने पुणे नगर निगम को शहर में इसी तरह का सर्वेक्षण करने की सलाह दी।