भारत में कोविड-19 संक्रमण को लेकर कई दिनों बाद राहत की खबर सामने आई है। एक्टिव मामलों की संख्या में गिरावट दर्ज की गई है और संक्रमण से ठीक होने वालों की संख्या नए मामलों से अधिक रही है। हालांकि केरल में 82 वर्षीय बुजुर्ग की मौत संक्रमण से हो गई, जिससे चिंता पूरी तरह खत्म नहीं हुई है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा 13 जून को जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, देश में अब कुल एक्टिव केस 7131 हैं, जबकि 12 जून को यह आंकड़ा 7154 था। यानी पिछले 24 घंटे में 23 मामलों की कमी आई है। मंत्रालय के अनुसार, इस दौरान देशभर में कुल 200 नए कोरोना संक्रमित मिले हैं, वहीं 1420 मरीज संक्रमण से पूरी तरह ठीक होकर अस्पतालों से डिस्चार्ज हुए। इससे साफ है कि नए संक्रमितों की तुलना में स्वस्थ होने वाले मरीजों की संख्या अधिक रही, जो कि एक राहत भरा संकेत है।
राज्यवार आंकड़ों पर नजर डालें तो गुजरात कोविड मामलों के लिहाज से सबसे आगे रहा, जहां पिछले 24 घंटे में 77 नए केस दर्ज किए गए। इसके बाद राजस्थान में 32, उत्तर प्रदेश में 24, और महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश व आंध्र प्रदेश में 14-14 नए मामले सामने आए। अन्य राज्यों में संक्रमण की गति अपेक्षाकृत कम रही। असम में 7, हरियाणा और झारखंड में 5-5, पुडुचेरी में 4, लद्दाख में 3 और ओडिशा में 1 मामला दर्ज किया गया। यह संकेत करता है कि कुछ राज्यों में संक्रमण की दर अभी भी बनी हुई है, लेकिन देशव्यापी स्तर पर इसमें स्थिरता देखी जा रही है।
हालांकि संक्रमण की रफ्तार धीमी हुई है, मगर कोविड से जुड़ी मौतों के आंकड़े अब भी चिंता का कारण बने हुए हैं। पिछले 24 घंटे में केरल से एक 82 वर्षीय बुजुर्ग की मौत दर्ज की गई है। इससे पहले दिन बुधवार को 3 मरीजों की जान चली गई थी— जिनमें से 2 महाराष्ट्र से और 1-1 मध्य प्रदेश व पश्चिम बंगाल से थे। नए वैरिएंट के चलते अब तक देश में कुल 78 मौतें हो चुकी हैं, जिनमें सबसे अधिक 21 मौतें महाराष्ट्र में और 20 केरल में दर्ज की गई हैं। ये आंकड़े इशारा करते हैं कि नए वैरिएंट का असर भले ही व्यापक स्तर पर न हो, लेकिन बुजुर्गों और पहले से बीमार व्यक्तियों के लिए यह अब भी खतरनाक साबित हो सकता है।
कोविड के ये नए आंकड़े फिलहाल राहत भरे जरूर हैं, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि किसी भी तरह की ढिलाई घातक हो सकती है। संक्रमण की चेन को पूरी तरह तोड़ने के लिए आवश्यक है कि लोग सावधानीपूर्वक मास्क का प्रयोग करते रहें, हाथ धोते रहें और भीड़भाड़ वाली जगहों से बचें। सरकार और स्वास्थ्य एजेंसियां स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए हैं और जरूरत पड़ने पर आवश्यक कदम उठाने के लिए तैयार हैं।
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