मेहमान बनकर आयी ‘दामिनी टीम’ बाल विवाह करने से वर-बधू परिवारों को रोका!

दिलचस्प बात यह है कि बाल विवाह की जानकारी मिलने के बाद यह टीम एक घंटे तक शादी के मंडप में मेहमान बनकर बैठी रही​|​ जैसे ही दूल्हा-दुल्हन शादी के मंडप में दाखिल हुए, पुलिस ने बाल विवाह सुनिश्चित कर उसे होने से रोक दिया।साथ ही पुलिस द्वारा दोनों परिवारों को ​समझाया​ गया|

मेहमान बनकर आयी ‘दामिनी टीम’ बाल विवाह करने से वर-बधू परिवारों को रोका!

'Damini Team' came as guests, waited for an hour to stop child marriage!

शहर पुलिस की दामिनी टीम द्वारा चलाए गए एक अभियान में टीम को बाल विवाह रोकने में सफलता मिली है|दिलचस्प बात यह है कि बाल विवाह की जानकारी मिलने के बाद यह टीम एक घंटे तक शादी के मंडप में मेहमान बनकर बैठी रही|जैसे ही दूल्हा-दुल्हन शादी के मंडप में दाखिल हुए, पुलिस ने बाल विवाह सुनिश्चित कर उसे होने से रोक दिया।साथ ही पुलिस द्वारा दोनों परिवारों को समझाया​ गया|

सादे कपड़ों में मंडप में बैठी दामिनी टीम ने बुधवार को शहर में एक बाल विवाह रोका। तभी दुल्हन की मां बोली मैडम मैं बर्तन धो लेती हूं|दो बेटियां हैं|आप तो जानते ही हैं कि ये दिन कितने बुरे हैं|हाथ जोड़कर कहा कि सिर पर बोझ कम करने और अच्छी शादी के चलते लड़की की शादी कर रहे हैं।हालांकि, पुलिस ने सभी को परामर्श देते हुए समझाया कि यह कानूनन अपराध है।और दामिनी टीम इस बाल विवाह को रोकने में सफल रही|

करीब एक घंटे तक मंडप में बैठी रही टीम: दामिनी टीम को खबर मिली कि कन्नड़ तालुका के नवरदेव और पड़ेगांव के तथागत चौक इलाके के साईनगर की दुल्हन बाल विवाह कर रहे हैं। सूचना​ मिलते ही उप-निरीक्षक कंचन मिर्धे, सहायक पुलिस अधिकारी लता जाधव, प्रवर्तक संगीता परलकर, अमृता भोपाले, सुरेखा कुकलारे और चालक मनीषा तायडे ने सादी वर्दी में विवाह स्थल पहुंचेहालांकि, दूल्हा-दुल्हन को मंडप में आने में थोड़ा वक्त लग गया|टीम करीब एक घंटे तक मंडप में बैठी रही​, जब दूल्हा-दुल्हन मंडप में आए तो पुलिस ने अपनी पहचान बताई और उन्हें बाल विवाह करने से रोक दिया|

दोनों पक्षों के माता-पिता को दामिनी टीम थाने ले गई…: जब दूल्हा-दुल्हन मंडप में आए तो पुलिस ने दोनों की उम्र की पुष्टि की। विवाह योग्य आयु लड़की के लिए 18 वर्ष से अधिक और लड़के के लिए 21 वर्ष से अधिक है। हालांकि, पड़ेगांव में हुई इस शादी में 15 साल की लड़की और 20 साल का लड़का शादी कर रहे थे|

 
​इस बीच पुलिस ने उनके परिजनों को समझाया कि यहां दूल्हा और दुल्हन दोनों नाबालिग हैं| साथ ही दोनों पक्षों के अभिभावकों को दामिनी टीम द्वारा शिविर में ले जाया गया। उसे पुलिस इंस्पेक्टर कैलास देशमाने के सामने पेश किया गया और काउंसलिंग की गई। इसके बाद दोनों के परिवार वालों को पुलिस की बात समझ आ गई और उन्होंने अपना फैसला बदल लिया|
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