‘महाराष्ट्र का एक भी गांव कर्नाटक में नहीं जाएगा’

‘महाराष्ट्र का एक भी गांव कर्नाटक में नहीं जाएगा’
महाराष्ट्र का एक भी गांव कर्नाटक में नहीं जाने दिया जाएगा। राज्य के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बुधवार को नागपुर में यह बात कही। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार बेलगाम-कारवार-निपानी सहित मराठी भाषी गांवों को पाने के लिए सर्वोच्च न्यायालय में मजबूती से लड़ाई लड़ेगी। कर्नाटक के मुख्यमंत्री द्वारा सांगली जिले के जाट तालुका के कुछ गांवों के बारे में दिए गए बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए  देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि जाट तालुका के गांवों ने 2012 में प्रस्ताव पारित किया था। किसी भी गांव द्वारा कोई नया संकल्प नहीं लिया गया है।
ऐसी शिकायतें थीं कि उन गांवों को पानी नहीं मिल रहा है। जब हमारी सरकार राज्य में थी तो यह तय हुआ था कि कर्नाटक जहां चाहे वहां पानी ले ले और कर्नाटक जहां चाहे अपने गांवों को पानी दे। तब तत्कालीन जल संसाधन मंत्री गिरीश महाजन ने उन्हें म्हैसाल की संशोधित योजना में शामिल करने का फैसला किया था।  ऐसा प्लान भी तैयार किया गया था।  पिछली सरकार कोविड के कारण योजना को मंजूरी नहीं दे सकी थी।  लेकिन, अब मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में हमारी सरकार इसे तुरंत मंजूरी देगी। ये सभी योजनाएं केंद्र सरकार की हैं।
फडणवीस ने कहा की हमे यकीन है कि हम सुप्रीम कोर्ट में मजबूती से अपना पक्ष रखकर बेलगाम-कारवार-निपानी समेत अपने गांवों को पाने की कोशिश करेंगे।हम एक ही देश में रहते हैं। इसलिए दुश्मनी न हो तो भी अपने अधिकार के लिए लड़ाई जायज है। देवेंद्र फडणवीस ने यह भी कहा कि यदि संयुक्त बैठकें करके समस्याओं का समाधान करना है, सिंचाई के मुद्दों को हल करना है, तो ऐसी बैठकें होनी चाहिए.

श्रद्धा के पत्र की होगी जांच:
श्रद्धा वालकर द्वारा 2020 में लिखे गए पत्र के बारे में पूछे जाने पर देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि मैंने श्रद्धा का पत्र देखा। इस बात की जांच कराई जाएगी कि उस पत्र पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई। अगर समय रहते इस पत्र पर कार्रवाई होती तो शायद आज श्रद्धा की जान बच सकती थी।
ये भी पढ़ें

दिशा सालियान केस​: नितेश राणे का एक्शन, कहा- ‘मास्टर ऑफ ऑल…’

भारत जोड़ो यात्रा की बैठक में दूर-दूर बैठे गहलोत-पायलट

Exit mobile version