मुंबई। मराठा आरक्षण के बाद अब लोकलबॉडी इलेक्शन में ओबीसी आरक्षण भी खत्म हो जाएगा। क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार की पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दिया है। विधानसभा में विपक्ष के नेता व पूर्व मुख्यमंत्री देवेद्र फडणवीस ने इसके लिए राज्य की महा विकास आघाडी सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे पत्र में कहा कि ओबीसी समाज का राजनीतिक आरक्षण समाप्त होने के लिए सिर्फ और सिर्फ आपकी सरकार की निष्क्रियता जिम्मेदार है। श्री फडणवीस ने दावा किया है कि महाविकास आघाडी सरकार की निष्क्रियता के चलते लोकलबॉडी इलेक्शन में ओबीसी समाज के आरक्षण से संबंधित राज्य सरकार की पुनर्विचार याचिका सुप्रीम कोर्ट में खारिज हो गई है। इससे ओबीसी का राजनीतिक आरक्षण खत्म हो जाएगा। सरकार की निष्क्रियता के चलते ओबीसी समुदाय को अन्याय का सामना करना पड़ रहा है। इसलिए कम से कम अब तो सरकार जागे और इस मामले को लेकर गंभीरता दिखाए।
मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में फडणवीस ने कहा है कि स्थानीय स्वराज संस्थाओं के चुनावों में पिछड़े वर्ग (ओबीसी) के लिए आरक्षित सीटों से संबंधित पुनर्विचार याचिका सिर्फ और सिर्फ राज्य सरकार की निष्क्रियता की वजह से खारिज हुई है। महाविकास आघाडी सरकार ने कभी इस विषय को गंभीरता से नहीं लिया है। इस मामले की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू रहते 15 महीनों के दौरान करीब आठ बार तो केवल सरकार की ओर से कोर्ट में तारीख ली गई। जबकि सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को पिछड़ा वर्ग आयोग गठित कर जरूरी आंकड़े जुटा कर आरक्षण को न्यायसंगत ठहराने का अवसर दिया था। लेकिन इस बारे में प्रशासन की ओर से कोई कदम नहीं उठाए गए।
जिसके चलते ओबीसी समुदाय का आरक्षण समाप्त हो गया है। फडणवीस ने कहा कि मैंने 5 मार्च 2021 को इस मामले को विधानमसभा में भी उठाया था। इस बारे में कई पत्र भेजे गए किन्तु सरकार ने न तो कोई कदम उठाया और न ही किसी ने इसे गंभीरता से लिया। उन्होंने कहा है कि इस मामले में राज्य सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय की ओर से दिए गए निर्देश के मुताबिक कार्रवाई किए बिना ही न्यायालय में सिर्फ पुनर्विचार याचिका दायर कर दी। जो अब खारिज की जा चुकी है। जिसके चलते स्थानीय स्वराज्य संस्था के चुनाव में अब ओबीसी वर्ग के लिए एक भी सीट आरक्षित नहीं रहेगी।
इसके लिए भाजपा जिम्मेदारः पटोले
सुप्रीम कोर्ट के फैसले से स्थानीय स्वराज संस्थाओं के चुनाव में ओबीसी आरक्षण खत्म होने के लिए अब कांग्रेस भाजपा को जिम्मेदार ठहरा रही है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि अदालत के बार-बार कहने के बावजूद केंद्र सरकार ने ओबीसी समाज की जनगणना नहीं की। इस लिए सुप्रीम कोर्ट ने यह आरक्षण रद्द कर दिया। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार की पुर्नविचार याचिका खारिज कर दी थी फिर भी राज्य सरकार यह मामला संविधान पीठ के सामने ले जा सकती है। उन्होंने कहा कि इसको लेकर मैंने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे क पत्र लिखा है। पटोले ने कहा कि अदालत ने कहा था कि ओबीसी जनसंख्या कितनी है यह पता चलना चाहिए। पर केंद्र सरकार ने इस दिशा में कुछ नहीं किया। कांग्रेस नेता ने कहा कि इस मामले में फडणवीस गलतबयानी कर रहे हैं।