27 C
Mumbai
Monday, November 11, 2024
होमन्यूज़ अपडेटवेंटिलेटर पर राजनीति करना अच्छी बात नहीं,देवेंद्र फडणवीस का एमवीए सरकार को...

वेंटिलेटर पर राजनीति करना अच्छी बात नहीं,देवेंद्र फडणवीस का एमवीए सरकार को जवाब

मात्र 5 से 10 फीसदी वेंटिलेटर में है समस्या, दोषियों के खिलाफ होगी कार्रवाई

Google News Follow

Related

मुंबई। विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि पीएम केयर्स फंड से मिले 5 से 10 प्रतिशत वेंटिलेटर में थोड़ी बहुत समस्या है। औरंगाबाद में केवल ज्योति कंपनी के वेंटिलेटर खराब पाए गए हैं। यदि कोई खराब गुणवत्ता वाला वेंटिलेटर दिया होगा तो उसके खिलाफ कार्रवाई निश्चित रूप से होगी, लेकिन केवल विरोध के लिए वेंटिलेटर पर राजनीति करना उचित नहीं है। सोमवार को औरंगाबाद में फडणवीस ने कहा कि महाराष्ट्र को मिले पांच हजार से अधिक वेंटिलेटर अच्छे से चल रहे हैं। इससे पहले बीते 13 मई को राकांपा विधायक सतीश चव्हाण ने पीएम केयर्स फंड के जरिए औरंगाबाद के सरकारी चिकित्सा महाविद्यालय व अस्पताल (घाटी) को दिए गए वेंटिलेटर की गुणवत्ता को लेकर सवाल उठाए थे। प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता सचिन सावंत ने भी वेंटिलेटर की गुणवत्ता को लेकर सवाल उठाए थे। चव्हाण ने दावा किया था कि घाटी अस्पताल के 150 में से केवल 15 वेंटिलेटर ठीक दर्जे के हैं। चव्हाण ने राज्य सरकार से वेंटिलेटर की खराब गुणवत्ता जांच की मांग की थी।
प्राइवेट अस्पतालों को क्यों दिए गए वेंटिलेटर
दूसरी तरफ विधान परिषद में विपक्ष के नेता प्रवीण दरेकर ने मुंबई में कहा कि पीएम केयर्स फंड के तहत औरंगाबाद को मिले वेंटिलेटर को निजी अस्पतालों में दिए जाने पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने औरंगाबाद में वेंटिलेटर के दुरुपयोग का आरोप लगाया है। सोमवार को पत्रकारों से बातचीत में दरेकर ने कहा कि औरंगाबाद में पीएम केयर्स फंड के तहत दिए गए वेंटिलेटर निजी अस्पतालों के लिए नहीं थे। इसके बावजूद 3 वेंटिलेटर निजी सिग्मा और 20 वेंटिलेटर निजी एमजीएम अस्पताल को दिए गए। जबकि 55 वेंटिलेटर दूसरे निजी अस्पतालों को उपलब्ध कराए गए । दरेकर ने कहा कि सरकारी अस्पतालों को भेजे गए वेंटिलेटर को निजी अस्पतालों में क्यों दिया गया? यह गोरखधंधा किसके लिए क्या किया ? सरकार को इसका खुलासा करना चाहिए। इस बात की जांच होनी चाहिए कि वेंटिलेटर का इस्तेमाल कितने दिनों तक नहीं हुआ। दरेकर ने कहा कि औरंगाबाद में केवल 3 वेंटिलेटर को विशेषज्ञों ने इंस्टॉल किया। बाकी वेंटिलेटर को सरकारी अधिकारियों ने अपने मर्जी से लगाया। इसलिए वेंटिलेटर खराब और निरुपयोगी हो गए। दरेकर ने कहा कि वेंटिलेटर की गुणवत्ता को लेकर केंद्र सरकार के जांच दस्ते की ओर से राज्य सरकार को करारा जवाब दिया जा रहा है।

लेखक से अधिक

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

The reCAPTCHA verification period has expired. Please reload the page.

हमें फॉलो करें

98,321फैंसलाइक करें
526फॉलोवरफॉलो करें
189,000सब्सक्राइबर्ससब्सक्राइब करें

अन्य लेटेस्ट खबरें