केंद्र सरकार ने बताया है कि डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण (डीपीडीपी) नियम, 2025 के मसौदे पर नागरिकों और विभिन्न हितधारकों से अब तक कुल 6,915 फीडबैक और सुझाव प्राप्त हुए हैं। यह ड्राफ्ट सार्वजनिक परामर्श के लिए प्रकाशित किया गया था, जिसका उद्देश्य 2023 में पारित डीपीडीपी अधिनियम को प्रभावी रूप से लागू करना है।
डीपीडीपी अधिनियम, 2023 एक व्यापक डेटा गोपनीयता कानून है, जिसका उद्देश्य व्यक्तिगत डेटा की सुरक्षा के अधिकार और वैध डेटा प्रोसेसिंग की जरूरतों के बीच संतुलन स्थापित करना है।
इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने राज्यसभा में जानकारी दी कि भारत सरकार की नीति एक सुरक्षित, विश्वसनीय और जवाबदेह साइबरस्पेस प्रदान करने की है। उन्होंने कहा कि आईटी सुरक्षा को लेकर सरकार लगातार क्षमता निर्माण और जन-जागरूकता पर काम कर रही है।
राज्य मंत्री ने बताया कि आईटी सुरक्षा कौशल को मजबूत करने के लिए अधिकारियों और पेशेवरों के लिए विभिन्न क्षेत्रों में नियमित प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।
उन्होंने आगे कहा कि, साइबर सुरक्षा जागरूकता माह और सुरक्षित इंटरनेट दिवस जैसे अभियानों के जरिए जनता में ऑनलाइन सुरक्षा, सुरक्षित डिजिटल लेनदेन और साइबर हाइजीन को लेकर जागरूकता फैलाई जाती है।
अक्टूबर 2024 में साइबरशक्ति कार्यक्रम की शुरुआत की गई थी, जिसका उद्देश्य साइबर सुरक्षा में कुशल महिला वर्कफोर्स तैयार करना है। आईएसईए कार्यक्रम के तहत अब तक 3,637 वर्कशॉप का आयोजन किया गया है, जिनमें 8.2 लाख से अधिक प्रतिभागी शामिल हुए — इनमें शिक्षा क्षेत्र, कानून प्रवर्तन एजेंसियां, सरकारी कर्मचारी, महिलाएं और आम नागरिक शामिल हैं। सरकार ने बहुभाषी साइबर सुरक्षा सामग्री जैसे हैंडबुक, वीडियो, पोस्टर और एडवाइजरी (डीपफेक जैसे खतरों पर भी) के प्रसार को प्राथमिकता दी है।
राज्य मंत्री ने संसद को यह भी बताया कि सरकार ने क्रिटिकल इंफॉर्मेशन इंफ्रास्ट्रक्चर की सुरक्षा के लिए नेशनल क्रिटिकल इंफॉर्मेशन इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोटेक्शन सेंटर (NCIIPC) की स्थापना की है, जबकि इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम (CERT-In) को साइबर घटनाओं के लिए राष्ट्रीय एजेंसी के रूप में नामित किया गया है।
CERT-In समय-समय पर उभरते खतरों और डेटा सुरक्षा के सर्वोत्तम तरीकों पर परामर्श और दिशानिर्देश जारी करता है।
इसके अलावा, नेशनल साइबर कोऑर्डिनेशन सेंटर (NCCC) विभिन्न एजेंसियों के साथ तालमेल बनाकर साइबर खतरों की पहचान और प्रतिक्रिया सुनिश्चित करता है। सरकार डेटा सुरक्षा और साइबर संरचना को मजबूत करने के लिए बहु-स्तरीय कदम उठा रही है, जिससे डिजिटल इंडिया को सुरक्षित और भरोसेमंद बनाया जा सके।
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