मुंबई। राज्य के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ दर्ज कथित मनी लॉन्ड्रिंग यानी धनशोधन मामले में मुंबई की एक अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय को बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वाझे से पूछताछ करने और बयान दर्ज करने की इजाजत दे दी है। अब तलोजा जेल में ईडी के अधिकारी कल सजिन वाझे का बयान दर्ज करेंगे और कथित वसूली कांड की गुत्थी को सुलझाएंगे। एनआईए ने सचिन वाझे को दक्षिण मुंबई में उद्योगपति मुकेश अंबानी के आवास के पास विस्फोटकों से भरी एक एसयूवी मिलने और व्यवसायी मनसुख हिरन की हत्या के मामले में गिरफ्तार किया था। वाझे अभी न्यायिक हिरासत में हैं। उन्हें नवी मुंबई की तलोजा जेल में रखा गया है।
प्रवर्तन निदेशालय ने एनसीपी नेता के खिलाफ धनशोधन मामले में अब तक देशमुख के दो सहयोगियों (निजी सचिव संजीव पलांडे और निजी सहायक कुंदन शिंदे) को गिरफ्तार किया है। जांच एजेंसी ने दावा किया है कि पूछताछ में संजीव और कुंदन ने कबूल किया है कि वाझे ने मुंबई में ऑर्केस्ट्रा बार मालिकों से 4.70 करोड़ रुपये वसूले थे। यह रकम शिंदे को दो किस्तों में सौंपी गई थी। ईडी ने विशेष एनआईए अदालत से वाजे से पूछताछ की अनुमति मांगते हुए कहा था कि वह अपराध शाखा के पूर्व सहायक पुलिस निरीक्षक को पलांडे और शिंदे के सामने बैठाकर सवाल-जवाब करना चाहती है। वाझे की गिरफ्तारी के बाद मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह को उनके पद से हटा दिया गया था। सिंह ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे पत्र में आरोप लगाया था कि अनिल देशमुख ने महाराष्ट्र के गृहमंत्री पद पर रहते हुए वाजे को मुंबई के बार और रेस्तरां से हर महीने 100 करोड़ रुपये से अधिक की उगाही करने का निर्देश दिया था।