विश्वविख्यात अंतरिक्ष की सीमा से छलांग लगाकर इतिहास रचने वाले फेलिक्स बॉमगार्टनर अब इस दुनिया में नहीं रहे। गुरुवार (17 जुलाई) को 56 वर्षीय ऑस्ट्रियाई स्काइडाइवर की इटली के मार्खे क्षेत्र में एक पैरामोटर (मोटराइज्ड पैराग्लाइडर) दुर्घटना में मौत हो गई। हादसा पोर्टो सैंट’एलपिडियो में हुआ, जहां बॉमगार्टनर का पैराग्लाइडर अचानक संतुलन खो बैठा और वह एक होटल के स्विमिंग पूल में जा गिरे। चश्मदीदों के मुताबिक, “सब कुछ सामान्य लग रहा था, फिर अचानक वह घूमने लगा और नीचे गिर गया।”
स्थानीय मेयर मासिमिलियानो सियारपेला ने कहा कि बॉमगार्टनर को संभवतः उड़ान के दौरान कोई अचानक स्वास्थ्य समस्या हुई हो सकती है। चरम खेलों के प्रति जुनून और साहस का प्रतीक बताया जाता रहा है। बीच रिसॉर्ट क्लब डेल सोले ले मिमोसे ने बताया कि दुर्घटना में उनका एक कर्मचारी हल्का घायल हुआ है, जबकि मेहमानों को कोई नुकसान नहीं हुआ।
फेलिक्स बॉमगार्टनर का नाम 2012 में दुनिया भर की सुर्खियों में आया जब उन्होंने 38 किलोमीटर ऊंचाई से पृथ्वी पर छलांग लगाई थी। रोस्वेल, न्यू मैक्सिको से हाइड्रोजन बैलून के जरिए अंतरिक्ष की सीमा तक पहुंचे बॉमगार्टनर ने 1,343 किमी/घंटा से अधिक की गति हासिल की थी — जिससे वह ध्वनि की गति तोड़ने वाले पहले स्काइडाइवर बने।
उन्होंने उस ऐतिहासिक छलांग को सबसे विनम्र पल बताया था। “आप केवल यही सोचते हैं कि ज़िंदा वापस आ सकूं। रिकॉर्ड या डाटा मायने नहीं रखते उस पल,” उन्होंने बाद में कहा था। बॉमगार्टनर ने खुद को कभी ‘थ्रिल-सीकर’ नहीं माना। “मुझे प्लानिंग पसंद है, जोखिम को समझना पसंद है,” उन्होंने 2012 में कहा था। हालांकि, वह एक बार सुपरसोनिक गति में खतरनाक फ्लैट स्पिन में फंस गए थे, जिससे वह 13 सेकंड तक चक्कर खाते रहे।
एक पूर्व ऑस्ट्रियाई मिलिट्री पैराशूटिस्ट बॉमगार्टनर ने प्लेन, ब्रिज, गगनचुंबी इमारतों और विश्व प्रसिद्ध स्थलों से हजारों छलांगें लगाईं। उन्होंने रियो डि जनेरियो के क्राइस्ट द रिडीमर स्टैच्यू, मलेशिया की पेट्रोनास टावर्स, और यहां तक कि अंग्रेजी चैनल को स्काईडाइव से पार किया। हाल के वर्षों में वह ‘फ्लाइंग बुल्स’ टीम के साथ हेलिकॉप्टर स्टंट पायलट के तौर पर भी जुड़े थे।
बॉमगार्टनर केवल अपने साहसिक कारनामों के लिए नहीं, बल्कि विवादास्पद राजनीतिक बयानों के लिए भी चर्चा में रहे। उन्होंने डिक्टेटरशिप का समर्थन, ग्रीन पार्टी और LGBTQ+ अधिकारों का मज़ाक, और हंगरी के कट्टर राष्ट्रवादी प्रधानमंत्री विक्टर ऑर्बन को नोबेल शांति पुरस्कार देने की वकालत जैसी टिप्पणियां कीं।
2010 में ग्रीस के एक ट्रक ड्राइवर को थप्पड़ मारने पर उन्हें जुर्माना भरना पड़ा था। बचपन से ही बॉमगार्टनर की दो ख्वाहिशें थीं: स्काइडाइवर और हेलिकॉप्टर पायलट बनने की। “मैं हमेशा हवा में रहना चाहता था। पेड़ चढ़ता था, ताकि ऊपर से दुनिया को देख सकूं,” उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा था।
फेलिक्स बॉमगार्टनर की मौत से एक साहसी युग का अंत हो गया है।
यह भी पढ़ें:
महिलाओं को सशक्त करें, प्रतिगामी परंपराओं से मुक्त करें :- सरसंघचालक मोहन भागवत
तेलुगु अभिनेता फिश वेंकट का निधन, 53 वर्ष की उम्र में हैदराबाद में ली अंतिम सांस



