भारतीय सेना को आखिरकार अमेरिका से अत्याधुनिक अपाचे AH-64E अटैक हेलिकॉप्टर की पहली खेप मिल गई है। इन हेलिकॉप्टरों को जल्द ही राजस्थान के जोधपुर स्थित आर्मी एविएशन कोर बेस पर तैनात किया जाएगा। सेना ने इसे “मील का पत्थर” बताते हुए अपनी रणनीतिक क्षमताओं के विस्तार की दिशा में महत्वपूर्ण कदम कहा है।
सेना ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर जानकारी देते हुए लिखा— “भारतीय सेना ने #Apache हेलिकॉप्टर को किया शामिल। सेना की एविएशन शाखा के लिए अपाचे हेलिकॉप्टर की पहली खेप आज भारत पहुंची। ये अत्याधुनिक प्लेटफॉर्म भारतीय सेना की ऑपरेशनल क्षमता को अभूतपूर्व तरीके से बढ़ाएंगे।”
#Apache for Indian Army
Milestone moment for Indian Army as the first batch of Apache helicopters for Army Aviation arrive today in India.
These state-of-the-art platforms will bolster the operational capabilities of the #IndianArmy significantly.#YearofTechAbsorption… pic.twitter.com/phtlQ4SWc8
— ADG PI – INDIAN ARMY (@adgpi) July 22, 2025
अपाचे AH-64E को अमेरिकी डिफेंस कंपनी बोइंग ने बनाया है और यह दुनिया के सबसे उन्नत अटैक हेलिकॉप्टरों में गिना जाता है। ये हेलिकॉप्टर अमेरिका, ब्रिटेन, इज़राइल, मिस्र समेत कई प्रमुख देशों की सेनाओं में सेवा दे रहे हैं। अब भारतीय सेना भी अपने पहले अपाचे स्क्वॉड्रन के साथ इस शक्तिशाली प्लेटफॉर्म से लैस हो गई है।
इस हेलिकॉप्टर की खासियतें इसे बेहद खतरनाक बनाती हैं 30 मिमी M230 चेन गन, लेज़र और रडार-गाइडेड हेलफायर मिसाइल, एयर-टू-ग्राउंड रॉकेट पॉड्स, और सबसे अहम ‘लॉन्गबो रडार’, जो रोटर के ऊपर लगा होता है और हेलिकॉप्टर को दुश्मन की नजर से छिपकर लक्ष्य पहचानने, ट्रैक करने और प्राथमिकता के आधार पर हमला करने की क्षमता देता है।
गौरतलब है कि भारत ने 2020 में अमेरिका के साथ $800 मिलियन (लगभग ₹7,000 करोड़) की डील साइन की थी, जिसके तहत सेना को छह अपाचे हेलिकॉप्टर मिलने थे। डिलीवरी 2024 में होनी थी, लेकिन विभिन्न भूराजनीतिक तनावों और राजनयिक जटिलताओं के चलते इसमें लगभग 15 महीने की देरी हुई।
सूत्रों के मुताबिक, यह देरी आंशिक रूप से अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के विवादास्पद बयान—जैसे ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और भारत-पाक संबंधों पर की गई टिप्पणियों—के बाद राजनयिक असहमतियों के कारण हुई। इसके बावजूद, हाल के महीनों में भारत और अमेरिका के बीच रक्षा सहयोग में उल्लेखनीय प्रगति हुई है, जिसमें तेजस फाइटर जेट के लिए अमेरिकी इंजन की डिलीवरी भी शामिल है।
भारतीय वायुसेना पहले से ही 22 अपाचे हेलिकॉप्टर का संचालन कर रही है, जो पठानकोट और जोरहाट जैसे बेस पर तैनात हैं। लेकिन यह पहली बार है जब भारतीय सेना की एविएशन कोर को अपने स्वयं के अपाचे मिल रहे हैं। इन हेलिकॉप्टरों की तैनाती मुख्य रूप से पश्चिमी मोर्चे और राजस्थान के रेगिस्तानी इलाकों में दुश्मन के ठिकानों पर त्वरित और सटीक हमले करने के लिए की जाएगी। भारतीय सेना पहले से स्वदेशी रूप से विकसित ‘रुद्र’ अटैक हेलिकॉप्टर का भी इस्तेमाल कर रही है, लेकिन अपाचे की तैनाती से उसकी ऑफेंसिव एयर पावर में जबरदस्त इजाफा होगा, खासकर पहाड़ी और सीमावर्ती इलाकों में।
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