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Thursday, December 11, 2025
होमन्यूज़ अपडेट“शुभांशु मेरे राम, मैं उनका लक्ष्मण”

“शुभांशु मेरे राम, मैं उनका लक्ष्मण”

गगनयात्री प्रशांत नायर के भावुक शब्दों ने छू लिया हर भारतीय का दिल

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अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) से लौटे भारतीय गगनयात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला और उनके साथी प्रशांत बी. नायर ने गुरुवार (21 गुरुवार)को इसरो मुख्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपने अनुभव साझा किए। इस मौके पर इसरो प्रमुख वी. नारायणन ने गगनयान मिशन की प्रगति पर बड़ा अपडेट दिया और कहा कि मिशन का 80 फीसदी काम पूरा हो चुका है, जबकि बाकी 20 फीसदी अगले साल मार्च तक पूरा कर लिया जाएगा।

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान शुभांशु शुक्ला ने कहा कि उनके लिए यह मिशन जीवन का सबसे गर्वपूर्ण क्षण था। उन्होंने बताया कि क्रू ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट में मिशन पायलट की भूमिका निभाना चुनौतीपूर्ण तो था लेकिन उन्हें बेहतरीन ट्रेनिंग मिली थी। मिशन के दौरान उनका काम कमांडर के साथ समन्वय बनाकर संचालन करना और किसी भी आपात स्थिति में जिम्मेदारी निभाना था। शुक्ला ने कहा कि उन्होंने दो सप्ताह के प्रवास के दौरान न केवल कई प्रयोग किए बल्कि धरती के लिए ढेरों तस्वीरें भी भेजीं। उन्होंने यह भी बताया कि इस मिशन के लिए उन्हें अलग-अलग देशों में जाकर प्रशिक्षण लेना पड़ा, जिसमें जापान भी शामिल था। उन्होंने कहा, “एक भारतीय नागरिक के रूप में इस मिशन का हिस्सा बनना मेरे लिए गर्व की बात है।”

इस मौके पर उनके साथी प्रशांत बी. नायर ने बेहद भावुक शब्दों में अपनी बात रखी। उन्होंने कहा, “मेरे देशवासियों, कुछ महीने बाद दीपावली है। यह वही समय है जब राम जी अयोध्या लौटे थे। यहां मेरे राम शुभांशु शुक्ला हैं और मैं उनका लक्ष्मण हूं। आज का दिन हमारे लिए दीपावली की तरह है जब पूरा देश हमारा स्वागत कर रहा है। उम्र में भले ही मैं उनसे बड़ा हूं, लेकिन इतने प्रोफेशनल इंसान के सामने मैं हमेशा लक्ष्मण बनने को तैयार रहूंगा।”

नायर ने आगे अपने अनुभव साझा करते हुए कहा, “सत्य, चित, आनंदम ही हमारे इस सफर का सार है। सत्य है वह सच, जिसकी बदौलत हम इसे कर पाए। चित का मतलब शिवम से है, क्योंकि भारत जब भी कुछ करता है तो वह पूरे विश्व के लिए सोचकर करता है। और आनंदम वह खुशी है, जो हमें इस अनुभव से मिली। शुभांशु ने सही कहा कि ऊपर से धरती बेहद सुंदर दिखती है और भारत का दृश्य सबसे अलग था।”

इसरो प्रमुख वी. नारायणन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में खुलासा किया कि गगनयान मिशन के दौरान शुरुआत में रॉकेट में तकनीकी गड़बड़ी का पता चला था। इसरो टीम ने तुरंत इस समस्या को चिन्हित कर अमेरिकी टीम को सूचित किया और सुधार सुनिश्चित किया, जिसकी वजह से सभी चार अंतरिक्ष यात्री सुरक्षित रूप से धरती पर लौट पाए। उन्होंने कहा, “इस मिशन में हमारी टीम ने अद्भुत काम किया और आज हम गर्व से कह सकते हैं कि हमने अपने देश से पहले नागरिक को अंतरराष्ट्रीय स्पेस सेंटर पर भेजने में सफलता हासिल की है।”

गगनयान मिशन को लेकर यह प्रेस कॉन्फ्रेंस सिर्फ तकनीकी जानकारी तक सीमित नहीं रही, बल्कि उसमें भावनाओं और देशभक्ति का ऐसा समावेश हुआ जिसने हर भारतीय का दिल छू लिया। प्रशांत नायर की राम-लक्ष्मण की भावुक उपमा और शुभांशु शुक्ला का विनम्र गर्व, दोनों ने इस ऐतिहासिक मिशन को और भी यादगार बना दिया।

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