एक माह में वंदे भारत एक्सप्रेस तीसरी बार दुर्घटना का शिकार हुई है। हादसा आज सुबह 8 बजकर 17 मिनट पर हुआ। यह हादसा वलसाड के अतुल रेलवे स्टेशन के पास हुई है। ट्रेन के सामने अचानक गाय आने से उसका अगला हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया। इस घटना में गए की मौत हो गई। इतना ही नहीं, ट्रेन में पानी की आपूर्ति भी बाधित हुई है। ट्रेन शनिवार को मुंबई-मध्य से गुजरात के गांधीनगर जा रही थी। दुर्घटना के बाद ट्रेन करीब 26 मिनट तक स्टेशन पर खड़ी रही। उसके बाद करीब 8.43 बजे गंतव्य के लिए रवाना हुई। हालांकि हादसे में किसी यात्री को कोई नुकसान नहीं हुआ है। सभी यात्री सुरक्षित बताए गए हैं।
वंदे भारत एक्सप्रेस के इस तरह से दुर्घटना होने से कई तरह के सवाल खड़ा होने लगे हैं। लोगों का कहना है कि ऐसा ही होता रहा तो एक दिन बड़ी दुर्घटना हो सकती है। अभी तक सरकार या रेलवे ने इस इन घटनाओं को रोकने के लिए क्या कदम उठाये हैं। इसके बारे में कोई जवाब नहीं दिया है। लेकिन ऐसी दुर्घटनाएं वंदे भारत एक्सप्रेस के संचालन पर सवाल खड़ा करती हैं।
ट्रेन की रफ्तार ज्यादा होने की वजह से झटके के कारण एक बोगी भी अलग हो गई। टक्कर से वंदे भारत एक्सप्रेस का कपलर कवर और बीसीयू कवर भी क्षतिग्रस्त हो गया। हालांकि इससे पहले भी यह ट्रेन दो बार दुर्घटनाग्रस्त हुई थी। जिसमें मुंबई से अहमदाबाद जा रही वंदे भारत वटवा और मणिनगर स्टेशन के पास पशुओं से टकरा गई थी। इसके बाद वडोदरा मंडल के आणंद के समीप भी इस ट्रेन से एक गाय टकराई थी। वहीं पशुओं से टकराने के मामले में अज्ञात मवेशी मालिकों के खिलाफ आरपीएफ ने मुकदमा दर्ज किया है। उन पर अनाधिकृत रूप से रेलवे ट्रैक पर प्रवेश और रेलवे संपत्ति के दुरुपयोग संबंधी धाराएं लगाई गई हैं
मुंबई से गांधीनगर के बीच चलने वाली वंदे भारत देश की तीसरी सेमी हाईस्पीड ट्रेन है। फिलहाल ट्रेन सुचारू रूप से चल रही है। इसे जल्द से जल्द ठीक कर लिया जाएगा। अधिकारियों ने कहा कि पश्चिम रेलवे ने मुंबई सेंट्रल स्टेशन पर इंजन के टूटे हुए हिस्से को ठीक करने के लिए निर्देशित किया है, जो शाम तक कर लिया जाएगा। वहीं पश्चिम रेलवे के अधिकारियों ने कहा कि वह भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सभी कदम उठा रहे हैं। गौर हो कि गांधीनगर-मुंबई वंदे भारत एक्सप्रेस का उद्घाटन हाल ही में 30 सितंबर को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। पीएम मोदी नवंबर में पांचवीं वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाने के लिए तैयार हैं, जो चेन्नई-मैसुरु-बेंगलुरु मार्ग को जोड़ेगी।
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