जेल के बजाय घर में करें नजरबंद, नवलखा ने दायर की याचिका, यह है वजह

जेल के बजाय घर में करें नजरबंद, नवलखा ने दायर की याचिका, यह है वजह

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मुंबई। जेल में बंद एल्गार परिषद-माओवादी संपर्क मामले में आरोपी गौतम नवलखा को शुक्रवार यानी आज महाराष्ट्र सरकार नवी मुंबई के टाटा मनोरियल अस्पताल में जांच के लिए ले जाएगी। इस बारे में गुरुवार को राज्य की अधिवक्ता लोक अभियोजक संगीता शिंदे ने बॉम्बे हाई कोर्ट को जानकारी दी।

बात दें कि इससे पहले आरोपी कार्यकर्ता गौतम नवलखा ने बृहस्पतिवार को उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर अनुरोध किया कि उन्हें बढ़ती उम्र और बीमारियों के कारण न्यायिक हिरासत के तौर पर घर में नजरबंद किया जाए। अभी वह तलोजा जेल में बंद हैं। इस पर अदालत ने नवलखा को घर में नजरबंद किए जाने के अनुरोध के संबंध में एनआईए से जवाब मांगा।हालांकि, राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह ने याचिकाकर्ता के इस अनुरोध का विरोध किया और कहा कि आरोपी अपनी पसंद के अस्पताल के लिए जोर नहीं डाल सकता।
साथ ही सुझाव दिया कि नवलखा को जेल प्रशासन द्वारा सरकारी अस्पताल ले जाया जाएगा। नवलखा (69) ने अपनी याचिका में यह भी अनुरोध किया कि उच्च न्यायालय पड़ोसी नवी मुंबई में तलोजा जेल के प्राधिकारियों को उनकी छाती में बनी एक गांठ के लिए चिकित्सा जांच कराने का निर्देश दें। उनके वकील युग चौधरी और पयोशी रॉय ने पीठ से कहा कि नवलखा यह पता लगाने के लिए चिकित्सा जांच कराना चाहते हैं कि कहीं उन्हें ‘‘कैंसर’’ तो नहीं है। नवलखा ने अपनी याचिका में इस साल मई में उच्चतम न्यायालय द्वारा जारी आदेश का भी हवाला दिया जिसमें शीर्ष अदालत ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी लेकिन हिरासत के एक विकल्प के तौर पर घर में नजरबंद किए जाने के पक्ष में फैसला दिया था।
अपनी याचिका में नवलखा ने यह भी कहा कि मामले में 15 आरोपी हैं और 30,000 पन्नों से अधिक के आरोपपत्र तथा 150 से अधिक गवाहों की जांच की जानी है, ऐसे में उन्हें मुकदमे के पूरा होने तक कैद में रखना बेहद ”अन्यायपूर्ण, कठोर और क्रूरता” होगा। कार्यकर्ता ने यह भी कहा कि उन्होंने हमेशा जांच में सहयोग किया है इसलिए उन्हें घर में नजरबंद रखा जा सकता है। कार्यकर्ता ने अपनी याचिका में दावा किया कि तलोजा जेल कैदियों को होने वाली गंभीर चिकित्सा बीमारियों के इलाज में पूरी तरह अक्षम है। उन्होंने यह भी दावा किया कि तलोजा जेल के कर्मचारी अतीत में कैदियों के स्वास्थ्य और अन्य जरूरतों के प्रति लापरवाह रहे हैं। वकील चौधरी ने अदालत से नवलखा की चिकित्सकीय जांच मुंबई के निजी जसलोक अस्पताल में कराने की अनुमति देने का अनुरोध किया, जिसका खर्च नवलखा और उनका परिवार वहन करेगा।
अदालत ने नवलखा को घर में नजरबंद किए जाने के अनुरोध के संबंध में एनआईए से जवाब मांगा। मामले की अगली सुनवाई 27 सितंबर के लिए तय की गई।

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