नांदेड़ की महिला पुलिस, लिंग परिवर्तन को लेकर हाईकोर्ट में की याचिका !
मेरे दिल में हमेशा पुरुष भावना थी।' दिसंबर 2018 में किए गए एक परीक्षण से पता चला कि वह पुरुष था। सेंट जॉर्ज अस्पताल ने भी टेस्ट रिपोर्ट को सही बताया है| जेंडर रिअसाइनमेंट सर्जरी कराने की भी सलाह दी जाती है।
Team News Danka
Published on: Sun 12th February 2023, 03:41 PM
The women police of Nanded petitioned the High Court regarding sex change!
लिंग पुनर्निर्धारण के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने वाली एक महिला पुलिस कांस्टेबल को कोई राहत नहीं मिली। उच्च न्यायालय ने महिला पुलिस को सलाह दी है कि वह पहले महाराष्ट्र प्रशासनिक न्यायाधिकरण (एमएटी) में शिकायत दर्ज करे।
नांदेड़ की महिला पुलिस कांस्टेबल वर्षा उर्फ विजय पवार (उम्र 36) ने लिंग परिवर्तन के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। हम सर्जरी करवाना चाहते हैं और एक आदमी बनना चाहते हैं। इसके लिए एक माह का अवकाश आवश्यक है। महिला पुलिस नाइक वर्षा पवार ने मांग की है कि इस लिंग परिवर्तन सर्जरी का खर्च राज्य सरकार वहन करे| पवार की याचिका पर एक फरवरी को सुनवाई हुई थी|
अपने पिता की मृत्यु के बाद, पवार अप्रैल 2005 में अनुकम्पा पर पुलिस में शामिल हुईं। वह मई 2012 में पुलिस नाइक बनीं। उन्होंने याचिका में कहा है, ‘भले ही मैं अपनी बहन की तरह एक महिला की तरह दिखती थी, लेकिन मेरे दिल में हमेशा पुरुष भावना थी।’ दिसंबर 2018 में किए गए एक परीक्षण से पता चला कि वह पुरुष था। सेंट जॉर्ज अस्पताल ने भी टेस्ट रिपोर्ट को सही बताया है| जेंडर रिअसाइनमेंट सर्जरी कराने की भी सलाह दी जाती है।
इसके बाद 7 दिसंबर 2022 को उन्होंने राज्य के पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखा| उन्होंने पत्र में कहा है कि नियमों में जेंडर रिअसाइनमेंट सर्जरी की इजाजत देने का प्रावधान नहीं है, ऐसे में मार्गदर्शन दिया जाना चाहिए| फिर 2 जनवरी 2023 को नांदेड़ के पुलिस अधीक्षक ने उन्हें मौखिक रूप से बताया कि पुलिस महानिदेशालय ने मना कर दिया है|
अंत में, पवार उच्च न्यायालय पहुंचे। पवार ने वकील एजाज नकवी के जरिए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की। शारीरिक परिवर्तन प्राकृतिक होते हैं और मनोवैज्ञानिक रूप से वे मर्दाना होते हैं। याचिका में कहा गया है कि इसके कारण उन्हें अपनी इच्छा से जीने का मौलिक अधिकार है।